Agra Cancer Treatment: अब आगरा के इस अस्पताल में भी शुरू होगा कैंसर का इलाज, मिलेंगी ये सुविधाएं

Cancer Treatment In Agra: कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब आगरा शहर के एक और सरकारी अस्पताल में कैंसर की सुपर सिकाई होगी। इससे शहर के कैंसर मरीजों को दूसरे शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

Cancer education in this hospital of Agra
आगरा के अस्पताल में होगी कैंसर की सिकाई  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • लेडी लायल अस्पताल परिसर में शुरू होगी कैंसर मरीजों की सुपर सिकाई
  • अस्पताल परिसर में बनवाया जाएगा एक अलग ब्लॉक
  • यह सुविधा एसएनएमसी के इंटीग्रेटेड प्लान के तहत होगी बहाल

Cancer Treatment In Agra: अब आगरा के लेडी लायल अस्पताल में भी कैंसर के मरीजों की सुपर सिकाई होगी। अस्पताल में यह सेवा शुरू करने के लिए अलग से ब्लॉक बनवाया जाएगा। फिलहाल सभी कागजी कार्यवाही पूरी की जा रही है। अस्पताल में यह सुविधा एसएनएमसी के इंटीग्रेटेड प्लान के माध्यम से बहाल होने वाली है। इस सुविधा के शुरू होने से शहर भर में कैंसर के मरीजों को राहत मिलेगी। इसके शुरू होने से कैंसर मरीजों को दूसरे शहरों को भरोसे नहीं रहना होगा।

दरअसल, लेडी लायल कैंपस को एसएन मेडिकल कॉलेज के इंटीग्रेटेड प्लान के जरिए शामिल किया जाना है। वहीं, एसएनएमसी द्वारा लेडी लायल को पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। लेडी लायल एवं एसएनएमसी के सभी पुराने भवन तोड़ने की योजना है। 

लगाई जाएगी लीनियर एक्सलेरेटर मशीन 

इस बारे में एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कैंसर ब्लॉक में लीनियर एक्सलेरेटर मशीन (लिनेक) लगाई जाएगी। इसी ब्लॉक में टारगेटेड थेरेपी की जानी है। टारगेटेड थेरेपी का मतलब होता है कि शरीर के जिस अंक या हिस्से में कैंसर है, केवल उसी हिस्से को सीपी सेमुलेटर से कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखकर रेडियोथेरेपी की जाएगी। टारगेटेड थेरेपी शुरू करने का उद्देश्य है कि इससे मरीज के पूरे शरीर पर रेडियो एक्टिव किरणों का प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

नौ करोड़ रुपए से बनेगा ब्लॉक

एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के अनुसार, कैंसर ब्लॉक के निर्माण पर नौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा गया है। वहां से मंजूरी एवं फंड मिलने के बाद ब्लॉक निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। 

रेडियोथेरेपी के लिए मांगी गई अनुमति

कैंसर के मरीजों के इलाज में रेडियोथेरेपी के इस्तेमाल के लिए एटोमिक एनर्जी रिसर्च सेंटर से अनुमति ली गई है। इस तरह की यूनिट खोलने से पहले इसके रिसर्च सेंटर की मंजूरी लेना अनिवार्य होता है। एटोमिक एनर्जी रिसर्च सेंटर के सदस्यों द्वारा जांच की जाती है कि रेडियोथेरेपी यूनिट कहां बनाई जानी है, उस क्षेत्र में रहने वालों पर कोई खतरा तो नहीं आएगा? फिलहाल रिसर्च सेंटर टीम को अस्पताल प्रबंधन द्वारा यूनिट स्थापना के लिए नक्शा भेजा गया है। अब टीम आकर स्थल निरीक्षण करेगी। 
 

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