Online Sales Of Products: उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल जेल के बंदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को लोग जल्द ऑनलाइन खरीद सकेंगे। अमेजन और फ्लिपकार्ट से लोग इन उत्पादों ऑनलाइन मंगा सकेंगे। इसके लिए जेल के बाहर भी आउटलेट बनाए जाने की कवायद चल रही है। कारागार मुख्यालय लखनऊ में भी मंथन चल रहा है। वहीं सेंट्रल जेल आगरा में फर्नीचर, हैंडलूम, साबुन, फिनाइल और दरी आदि उद्योग संचालित हैं। सजायाफ्ता बंदी मेहनत व लगन से उत्पाद तैयार करते हैं। सेंट्रल जेल आगरा में करीब 1700 सजायाफ्ता बंदी हैं। इसमें से करीब 200 बंदी फर्नीचर, फिनाइल, साबुन, दरी व हैंडलूम उद्योग से जुड़े हुए हैं।
बंदियों को इसके लिए पारिश्रमिक भी जेल प्रशासन द्वारा दिया जाता है। पिछले दिनों कारागार मुख्यालय लखनऊ पर आयोजित बैठक में कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने निर्देश दिए थे कि ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’ के तहत प्रदेश की सभी जेलों में उद्योगों को संचालित किया जाए।
इससे बंदियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा जा सके। अभी तक आगरा जेल के बंदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की विभिन्न न्यायालयों में डिमांड के आधार भेजा गया है। इसमें डायस, कुर्सी, मेज, अलमारी समेत अन्य फर्नीचर शामिल हैं। इसी तरह डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि समेत अन्य कार्यालयों को भी मांग के अनुसार आपूर्ति की गई है। पिछले दो वर्षों में सेंट्रल जेल में तैयार करीब दो करोड़ मूल्य के फर्नीचर विभिन्न सरकारी संस्थाओं को आपूर्ति की गई है। सेंट्रल जेल की तरह अब मंडल की अन्य जेलों के बंदियों को भी विभिन्न उद्योगों के जल्द संचालित होने से रोजगार मिलेगा।
आगरा परिक्षेत्र डीआईजी जेल वीके सिंह ने कहा कि सेंट्रल जेल और आगरा मंडल की अन्य जेलों में ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’ के तहत उद्योग संचालित हैं। इससे बंदी हुनरमंद होंगे, साथ ही उनके बनाए उत्पाद बाजार व ऑनलाइन भी उपलब्ध हो सकेंगे।
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