नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक दंपत्ति को 5 साल तक जेल में रहना पड़ता है, जबकि उन्होंने कोई अपराध भी नहीं किया था। अब जेल से बाहर आने के बाद वो अपने लापता बच्चों की तलाश कर रहे हैं। माता-पिता की अनुपस्थिति में दोनों बच्चों को किसी अनाथालय में भेज दिया गया था। अब, कोई नहीं जानता कि वे कहां हैं। बेटा उस समय 5 साल का था और बेटी 3 साल की।
पति-पत्नी नरेंद्र सिंह (40) और नजमा (30) को 5 साल के लड़के की हत्या के बाद 2015 में आगरा के बाह से गिरफ्तार किया गया था।
दोनों को रिहा करने के अपने आदेश में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने पुलिस को जमकर डांट लगाई। अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निर्दोष लोगों ने सलाखों के पीछे पांच साल बिताए हैं और मुख्य आरोपी अभी भी आजाद है। कोर्ट ने एसएसपी को जांच अधिकारी के खिलाफ लापरवाही बरतने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अदालत ने खुलासा किया कि तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर ने स्वीकार किया था कि उन्होंने यह भी पता लगाने की कोशिश नहीं की कि एफआईआर किसके खिलाफ दर्ज की गई थी। इसके बाद मामले की फिर से जांच करने की सिफारिश की गई।
नरेंद्र सिंह एक शिक्षक के रूप में काम करते थे। उन्होंने कहा, 'हमारे बच्चों की क्या गलती थी? उन्हें अनाथों की तरह रहना पड़ा। जब पुलिस ने हमें गिरफ्तार किया वे बहुत छोटे थे।' वहीं नजमा ने लापता बच्चों का पता लगाने में मदद करने के लिए एसएसपी को पत्र लिखा है।
Agra News in Hindi (आगरा समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।