Sewage Treatment Plant: आगरा के धांधूपुरा में अब एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) की रिपोर्ट देखने के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण के लिए 704 पेड़ काटने की मंजूरी दे दी है। बता दें, नालों का गंदा पानी ताजमहल के पास गिरता है। शहर में यमुना में नालों से गिरने वाले गंदे पानी और सीवेज के शोधन के लिए 100 एमएलडी क्षमता का नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का निर्णय लिया गया है। धांधूपुरा तक नालों का पानी लिफ्ट कर ले जाने की योजना है।
बता दें, ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी लेना अनिवार्य होता है। धांधूपुरा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जल निगम ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए 704 पेड़ों को काटने की मंजूरी मांगी थी। सीईसी ने 2020 में इससे जुड़ी रिपोर्ट कोर्ट को दी। यमुना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रोजेक्ट मैनेजर ने सुप्रीम कोर्ट से अनुमति देने की अपील की थी। 13 मई को न्यायमूर्ति एल जागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना ने धांधूपुरा में एसटीपी निर्माण के लिए पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके लिए सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) की शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।
दरअसल, आगरा शहर में यमुना नदी में 92 नालों का पानी गिरता है। इनमें से 61 नालों का पानी सीधे तौर पर यमुना में गिर रहा है। आगरा में बिचपुरी के सदर वन-1, सदर वन-2, बूढ़ी का नगरा, जगनपुर, पीलाखार, देवरी रोड एवं धांधूपुर में एसटीपी बने हुए हैं। धांधूपुरा में 78 और 24 एमएलडी के दो एसटीपी हैं।
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