आगरा मेट्रो से जुड़ा बड़ा अपडेट, सुरंग खोदने के लिए मानसून के बाद आएगी मशीन, सात किलोमीटर लंबी होगी खुदाई

Agra Metro Rail Project: आगरा में ताजमहल से आरबीएस कॉलेज तक भूमिगत मेट्रो के लिए सात किलोमीटर लंबी सुरंग खोदने के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मानसून के बाद आएगी।

Agra Metro
आगरा मेट्रो सुरंग खोदने के लिए मानसून के बाद आएगी मशीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आगरा मेट्रो की सुरंग खुदाई के लिए बारिश के बाद आएगी मशीन
  • टनल बोरिंग मशीन से होगी सात किलोमीटर लंबी खुदाई
  • चार टीबीएम से की जाएगी टनल की खुदाई

Agra Metro Rail Project: उत्तर प्रदेश के कानपुर और आगरा जिले में मेट्रो का काम तेज गति से चल रहा है। ताजनगरी आगरा में ताजमहल से आरबीएस कॉलेज तक भूमिगत मेट्रो के लिए सात किलोमीटर लंबी सुरंग खोदी जानी है। ऐसे में इस सुरंग की खुदाई के लिए बारिश के बाद टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मंगाने का फैसला लिया गया है। मशीन को टुकड़ों में लाया जाएगा। इसके बाद प्रस्तावित भूमिगत स्टेशन स्थल पर टुकड़ों को जोड़कर तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने सुरंग की खुदाई और सात भूमिगत मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए एफकॉन और सेम इंडिया को 1820 करोड़ रुपये का ठेका दिया है।

वहीं, दूसरी ओर आगरा फोर्ट के सामने रक्षा संपदा जमीन पर फोर्ट मेट्रो स्टेशन के लिए खुदाई शुरू हो गई है। यहां डॉयवाल फ्रेम बनाकर स्टेशन की चौहद्दी बनानी शुरू हो गई है। बारिश शुरू होने की वजह से अब टीबीएम सितंबर में आएंगी। 

विशेष रूप से प्रशिक्षित ऑपरेटर ही चलाएंगे टीबीएम 

यूपीएमआरसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद राय के अनुसार, चार टीबीएम से टनल की खुदाई की जाएगी। टीबीएम के लिए दिल्ली, चेन्नई और अन्य जगह बातचीत चल रही है। जहां मेट्रो प्रोजेक्ट पूरे हो गए वहां से टीबीएम को आगरा लाने की कवायद की जाएगी। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से प्रशिक्षित ऑपरेटर ही टीबीएम को चलाएंगे। पहले चरण में सात में से तीन भूमिगत स्टेशन तैयार किए जाएंगे। इन स्टेशनों को 2024 तक तैयार करना है। इन तीनों में ताजमहल, आगरा फोर्ट और जामा मस्जिद स्टेशन शामिल हैं। 

2026 तक सभी सात भूमिगत स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य 

दूसरी ओर, आगरा में फतेहाबाद रोड पर तीन एलिवेटेड को मिलाकर छह मेट्रो स्टेशन का प्राथमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर पर ही 2024 तक मेट्रो का ट्रायल किया जाना है। 2026 तक सभी सात भूमिगत स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। इस काम के लिए यूरोपियन निवेश बैंक से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने कर्जा लिया है। आपको बता दें कि शुक्रवार को ही एलिवेटेड सेक्शन में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हुआ है। पीएसी मैदान में बन रही मेट्रो डिपो में 80 फीसदी सिविल काम पूरा हो चुका है।
 

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