- गांवों में लोगों के उनके आवास का मालिकाना हक देगी यह स्वामित्य योजना
- इससे ग्रामीणों को अपनी संपत्ति पर बैंक लोन और अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी
- आधुनिक तकनीक एवं ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए जमीन की मैपिंग की जाती है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण इलाकों में जमीन की मैपिंग कर उसका मालिकाना हक लोगों को सौंपती है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस मौके पर पीएम योजना के 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड्स भी सौंपेंगे। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे।
पंचायत राज विभाग की योजना है स्वामित्व
पंचायत राज विभाग की ओर से स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना गांवों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य शुरू की गई है। इस योजना के तहत तकनीक का उपयोग करते हुए लोगों के आवास की ड्रोन के जरिए मैपिंग की जाती है और उसका मालिकाना हक पात्र लोगों को सौंपा जाता है। गांवों में ऐसे कई जमीन हैं जिनके मालिकाना हक को लेकर विवाद है। इन जमीनों पर मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं। इस योजना का एक मकसद ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना भी है।
लोगों को अपनी संपत्ति पर मिलेगा मालिकाना हक
अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाने पर ग्रामीण उस पर बैंक लोन और अन्य सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। पंचायत राज विभाग का कहना है कि देश भर के ग्रामीण इलाकों में सर्वे का काम 2020 से 2024 तक चार वर्षों तक चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से संपत्ति एवं कानूनी विवादों में कमी आएगी। संपत्ति का रिकॉर्ड ऑनलाइन होने की वजह से लोग इसका ब्योरा ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनलाइन देख सकेंगे।