- देश भर में 200 और स्पेशल ट्रेनें आज ( 1 जून 2020) से चलाई जा रही हैं। अब कुल 230 स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं।
- ये ट्रेन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और 12 मई से ही चलाई जा रही 30 स्पेशल एसी ट्रेनों के अलावा होंगी।
- इन 200 ट्रेनों में करीब 26 लाख यात्रियों ने 01 से 30 जून 2020 तक की अग्रिम रिजर्वेशन अवधि के लिए टिकटों की बुकिंग की है
भारतीय रेलवे आज (1 जून) से 200 और ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। जो 01 मई से ही चलाई जा रही मौजूदा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और 12 मई 2020 से ही चलाई जा रही स्पेशल एसी ट्रेनों (30 ट्रेनें) के अलावा होंगी। इन 200 ट्रेनों से पहले दिन 1.45 लाख से भी अधिक यात्री सफर करेंगे। यात्री ट्रेन सेवाओं की क्रमबद्ध बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये ट्रेनें नियमित ट्रेनों की तर्ज पर हैं। ये पूरी तरह से रिजवर्ड ट्रेनें हैं जिनमें एसी और नॉन एसी दोनों ही तरह की कटैगरी या कोच हैं। जनरल (जीएस) कोच में बैठने की जगह रिजर्वड है। ट्रेन में कोई भी अनरिजर्वड कोच नहीं होगा। कैटेगरी के हिसाब से किराया लिया जाएगा और रिजर्वड जीएस कोच (जनरल सिटिंग), जिसे रिजर्वड किया जा रहा है। इसके लिए रिजर्वड ट्रेनों के लिए सेकेंड सीटिंग (2एस) किराया लिया जाएगा और सभी यात्रियों को सीट दी जाएगी। इन ट्रेनों के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल एप के जरिए की जा रही है। भारतीय रेलवे ने 22 मई 2020 से रिजर्वेशन काउंटरों, कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) और टिकटिंग एजेंटों के जरिए भी रिजर्वड टिकटों की बुकिंग की अनुमति दे दी है।
सभी 230 स्पेशल ट्रेनों की अग्रिम रिजर्वेशन अवधि (एआरपी) को 30 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने का निर्णय लिया गया है। इन सभी 230 ट्रेनों में पार्सल और सामान की बुकिंग की अनुमति होगी। अन्य शर्तें जैसे कि वर्तमान बुकिंग, रोड साइड स्टेशनों के लिए सीटों का तत्काल कोटा आवंटन, इत्यादि नियमित समय सारणी वाली ट्रेनों जैसी ही हैं। 29 जून 2020 से तत्काल टिकट की बुकिंग यात्रा की तारीख 30 जून 2020 और उसके बाद के लिए की जा सकती है। इन निर्देशों को भारतीय रेलवे की वेबसाइट www.indianrailways.gov.in पर भी देखा जा सकता है।
स्पेशल ट्रेनों के नए नियम
- आरएसी और प्रतीक्षा सूची मौजूदा नियमों के अनुसार ही सृजित की जाएगी।
- कोई अनारक्षित (यूटीएस) टिकट जारी नहीं किया जाएगा और यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को ट्रेन पर कोई भी टिकट जारी नहीं किया जाएगा।
- पूरी तरह से कन्फर्म और आरएसी यात्रियों के साथ आंशिक रूप से प्रतीक्षा सूची वाले टिकट धारक (यदि एकल पीएनआर में ही कन्फर्म और प्रतीक्षा सूची वाले दोनों ही यात्री है) को भी यात्रा करने की अनुमति है।
- वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को अनुमति नहीं मिलेगी
- तत्काल टिकट की बुकिंग 29 जून 2020 से यात्रा की तारीख 30 जून 2020 और उसके बाद के लिए की जा सकती है।
- पहला चार्ट निर्धारित प्रस्थान समय से कम से कम 4 घंटे पहले तैयार किया जाएगा
- दूसरा चार्ट निर्धारित प्रस्थान समय से कम से कम 2 घंटे (30 मिनट की मौजूदा व्यवस्था के विपरीत) तैयार किया जाएगा।
- सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच की जाएगी और केवल बिना कोरोन वायरस-लक्षण वाले यात्रियों को ही ट्रेन में प्रवेश/चढ़ने की अनुमति होगी।
यात्रियों को बरतनी होंगी ये सावधानियां
- सभी यात्रियों को प्रवेश के समय और यात्रा के दौरान फेस कवर/मास्क पहनना होगा।
- यात्रियों को ट्रेन रवाना होने से 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंचना होगा, ताकि स्टेशन पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग हो सके। केवल उन्हीं यात्रियों को ही सफर करने की अनुमति होगी जिनमें कोविड रोग का कोई भी लक्षण नहीं होगा।
- यात्रीगण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।
- अपने गंतव्य पर पहुंच जाने पर सफर करने वाले यात्रियों को उन स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो गंतव्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा निर्धारित किए गए हैं।
- सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड और उपयोग करना होगा। यात्रियों को कम सामान के साथ यात्रा करने की सलाह दी जाती है।
खानपान (केटरिंग)
कोई भी खानपान चार्ज किराया में शामिल नहीं किया जाएगा। प्री-पेड भोजन बुकिंग, ई-कैटरिंग की व्यवस्था नहीं होगी। हालांकि, आईआरसीटीसी केवल उन सीमित ट्रेनों में ही भुगतान के आधार पर सीमित मात्रा में खाद्य सामग्री और डिब्बाबंद पेयजल की व्यवस्था करेगी, जिससे पैंट्री कार जुड़ी होगी। इस आशय की जानकारी यात्रियों को टिकट बुक करते समय ही उपलब्ध करा दी जाएगी। यात्रियों को स्वयं ही अपने लिए भोजन और पेयजल की व्यवस्था करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। रेलवे स्टेशनों पर सभी स्थिर खानपान और वेंडिंग इकाइयां (बहुपयोगी स्टॉल, बुक स्टॉल, विविध/केमिस्ट स्टाल इत्यादि) खुली रहेंगी। फूड प्लाजा और रिफ्रेशमेंट रूम इत्यादि होने पर वहां से पके खाद्य पदार्थों को केवल अपने साथ ले जाया जा सकता है, क्योंकि वहां बैठने की व्यवस्था नहीं होगी।
चादर और कंबल
ट्रेन के अंदर कोई चादर, कंबल और पर्दे प्रदान नहीं किए जाएंगे। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा के लिए अपने साथ स्वयं ही चादर-तकिया ले जाएं। इसे ध्यान में रखते हुए एसी कोचों के अंदर के तापमान को उपयुक्त रूप से नियंत्रित किया जाएगा।
रेलवे स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार की व्यवस्था
जोनल रेलवे को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि वे रेलवे स्टेशनों पर यथासंभव अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार की व्यवस्था करें, ताकि यात्रियों को आमने-सामने से आवाजाही न करना पड़े। जोनल रेलवे विभिन्न स्टेशनों एवं ट्रेनों पर सामाजिक दूरी के मानक दिशा-निर्देशों द्वारा निर्देशित किए जाएंगे और सुरक्षा, हिफाजत एवं स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
टिकट रद्द करना और किराया वापसी नियम
रेलवे यात्री (टिकट रद्द करना और किराया वापसी) नियम, 2015 लागू होंगे। इसके अलावा, यदि किसी यात्री को काफी बुखार होने या कोविड-19 के लक्षणों के कारण यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो वैसी स्थिति में किराया वापसी लागू रहेगी। यदि स्टेशन पर स्क्रीनिंग के दौरान किसी यात्री को काफी बुखार होने/कोविड-19 इत्यादि के लक्षण पाए जाते हैं, तो कन्फर्म टिकट होने के बावजूद उसे यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे मामले में यात्री को पूर्ण किराया वापसी निम्न तरीके से होगी: -
- पीएनआर के आधार पर, जिसमें केवल एक ही यात्री हो।
- एक पार्टी टिकट के आधार पर, यदि एक यात्री सफर करने के लिए अयोग्य पाया जाता है और उसी पीएनआर वाले अन्य सभी यात्री भी सफर नहीं करना चाहते हैं तो वैसी स्थिति में सभी यात्रियों के लिए पूर्ण किराया वापसी की अनुमति दी जाएगी।
- एक पार्टी टिकट के आधार पर, यदि एक यात्री सफर करने के लिए अयोग्य पाया जाता है। हालांकि, उसी पीएनआर वाले अन्य यात्री सफर करना चाहते हैं, तो वैसी स्थिति में उस यात्री का पूरा किराया वापस कर दिया जाएगा जिसे यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
- उपर्युक्त सभी मामलों में, टीटीई प्रमाणपत्र (मौजूदा व्यवस्था के अनुसार) स्टेशन के प्रवेश/चेकिंग/स्क्रीनिंग स्थल पर ही यात्री को जारी कर दिए जाएंगे, जिसमें यह उल्लेख किया जाएगा कि एक या एक से अधिक यात्रियों को बुखार या कोरोना वायरस के लक्षण होने के कारण इतने यात्रियों को सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है।
- टीटीई प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद यात्रा की तारीख से लेकर 10 दिनों के भीतर यात्रा नहीं करने वाले यात्रियों की किराया वापसी के लिए टीडीआर दाखिल करना होगा।