- टैक्सपेयर्स की मदद के लिए आईटीआर भरने की समयसीमाओं को आगे बढ़ाना पड़ सकता है
- रिटर्न भरने की समयसीमा को पहले ही 31 जुलाई और 31 अक्टूबर 2020 के स्थान पर 30 नवंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है
- अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए टैक्सपेयर्स की मदद के अधिक से अधिक उपायों की आवश्यकता है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंड को अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं और विधायी प्रावधानों के अनुपालन में टैक्सपेयर्स की मदद के लिए समयसीमाओं को आगे बढ़ाना पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स ने यह अनुमान व्यक्त किया है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व परिस्थिति में टैक्सपेयर्स की मदद के लिए वित्त मंत्रालय के द्वारा किए गए विभिन्न उपायों का स्वागत किया। हालांकि उन्होंने कहा कि जब तक सामान्य स्थिति नहीं लौट जाती है, कुछ अतिरिक्त उपाय किए जाने की जरूरत है।
टैक्स डिपार्टमेंड ने महामारी तथा इसी रोकथाम के लिए बार-बार लगाए गए लॉकडाउन के समय भी टैक्सपेयर्स को अनुपालन में मदद करने के लिए विभिन्न समयसीमाओं को आगे बढ़ाया है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गौरव मोहन ने ब्याज राहत तथा समयसीमाओं को बढ़ाने के माध्यम से दी गई राहत को लेकर कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए, अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए टैक्सपेयर्स की मदद के अधिक से अधिक उपायों की आवश्यकता है।
देश में कोरोना वायरस के मामले 6.97 लाख से अधिक हो गए हैं और टीका विकसित होने या सामान्य स्थिति बहाल होने में महीनों लग सकते हैं। टैक्समैन के डीजीएम नवीन वाधवा ने महामारी के मद्देनजर रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाने के सरकार के निर्णय पर कहा कि सभी करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 जुलाई और 31 अक्टूबर 2020 के स्थान पर 30 नवंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अत: जिन टैक्सपेयर्स को पहले 31 जुलाई या 31 अक्टूबर 2020 तक आईटीआर भरना था, वे अब बिना विलंब शुल्क के 30 नवंबर 2020 तक रिटर्न भर सकते हैं।