वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आयकर रिटर्न भरने में वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए आयकर प्रक्रियाओं के समय-सीमा में कमी, विवाद समाधान समिति के गठन की घोषणा, फेसलैस आईटीएटी, एनआरआई को छूट, लेखा परीक्षा छूट की सीमा में वृद्धि और लाभांश आय के लिए भी राहत प्रदान की है। उन्होंने देश में बुनियादी ढांचे में विदेशी निवेश को आकर्षित करने, सस्ते और किराए के आवासों के लिए राहत, आईएफएससी के लिए टैक्स प्रोत्साहन, छोटे चैरिटेबिल ट्रस्टों को राहत और स्टार्ट-अप्स के लिए प्रोत्साहन जैसे कदमों की भी घोषणा की।
बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा राहत प्रदान की गई है। ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिन्हें पेंशन और ब्याज सहित आय प्राप्त होती है, उन्हें आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। उन्हें भुगतान करने वाला बैंक ही उनकी आय से आवश्यक टैक्स की कटौती करके राशि अंतरित कर देगा। स्वदेश लौटने वाले अप्रवासी भारतीयों के लिए आयकर से जुड़े कठिन प्रावधानों को सरल बनाने और विदेश से उनकी सेवानिवृत्ति होने के बाद भारत लौटने पर आय से संबंधित मुद्दों को आसानी से सुलझाने के लिए सरल नियमों का प्रावधान बजट में किया गया है।
इनके अनुसार टीडीएस मुक्त लाभांश भुगतान आरईआईटी/आईएनवीआईटी को करने का प्रस्ताव किया गया है। विदेशी पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के लिए बजट में कम संधि दर पर लाभांश आय में कर कटौती का प्रस्ताव किया गया है। बजट में यह भी प्रावधान है कि लाभांश आय पर अग्रिम टैक्स की देयता लाभांश का भुगतान या उसकी घोषणा के बाद ही उत्पन्न होती है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि शेयरधारकों द्वारा अग्रिम टैक्स भुगतान करने के लिए लाभांश आय की सही गणना नहीं की जा सकती।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सस्ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले लोन के ब्याज में 1.5 लाख रुपए तक की छूट का प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया जाएगा। सरकार द्वारा लोगों को सस्ते घर उपलब्ध कराने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने सस्ते घर की योजना के तहत टैक्स छूट का दावा करने के लिए पात्रता की समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है। प्रवासी मजदूरों के लिए किराए के सस्ते मकान उपलब्ध कराने के प्रावधान में वित्त मंत्री ने सस्ते किराए वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए टैक्स राहत की नई घोषणा की है।
देश में स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए सीतारमण ने स्टार्ट-अप्स के लिए टैक्स छूट का दावा करने की समय-सीमा एक वर्ष और 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है। इस आदेश के अनुसार स्टार्ट-अप्स के लिए संदर्भित कोष में निवेश की पूंजी पर नियम आधारित छूट को प्राप्त करने के लिए समय-सीमा 1 वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न कल्याण निधियों में नियोक्ताओं का अंशदान जमा करने में हुई देरी के कारण कर्मचारियों को ब्याज/आय की स्थायी हानि होती है। नियोक्ता द्वारा इन निधियों में कर्मचारी का अंशदान समय पर जमा करने के लिए वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि कर्मचारी का अंशदान देरी से जमा करने के बारे में नियोक्ता को कभी भी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस वर्ष का बजट अनुपालन का भार कम करने के लिए आयकर कार्यवाही मौजूदा 6 साल से 3 साल करने के लिए समय-सीमा में कटौती का प्रावधान करता है। कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां 1 वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 वर्ष तक दोबारा खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रधान मुख्य आयुक्त का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
कराधान प्रणाली में वाद कम करने के लिए सरकार द्वारा लिए गए संकल्प का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित डायरेक्ट टैक्स ‘विवाद से विश्वास’ योजना को अच्छी तरह अपनाया गया है। 30 जनवरी, 2021 तक 1 लाख 10 हजार से अधिक करदाताओं ने इस योजना के तहत 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स विवाद को निपटाने का विकल्प चुना है।
छोटे करदाताओं के वाद और कम करने के लिए सीतारमण ने एक विवाद समाधान समिति स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसके अनुसार 50 लाख रुपए तक की टैक्स योग्य आय और 10 लाख रुपए तक की विवादग्रस्त आय के साथ कोई भी व्यक्ति इस समिति में पहुंचने के लिए हकदार होगा और उसे दक्षता, पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समिति के सामने उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की।
डिजिटल लेन-देन करने को प्रोत्साहन देने और ज्यादातर लेन-देन को डिजिटल माध्यम से करने वाले व्यक्ति पर अनुपालन का भार कम करने के लिए बजट में कर लेखापरीक्षा की सीमा को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इससे ऐसे व्यक्ति लाभान्वित होंगे जो 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का 95 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्यम से करते हैं।
विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए बजट में निजी निधि के व्यय से जुड़ी स्थितियों, वाणिज्यिक गतिविधियों के प्रतिबंधों और विनिर्माण में सीधे निवेश से जुड़े नियमों को सरल बनाकर राहत प्रदान की गई है। आदेश के अनुसार विनिर्माण के लिए कोष इकट्ठा करने में जीरो कूपन बॉन्ड शुरू किया जाएगा। बजट में कर के तौर पर एक सक्षम जीरो कूपन बॉन्ड जारी करके धन जुटाने के तहत अधिसूचित बुनियादी ऋण निधि के लिए पात्र बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय वित्त सेवा केन्द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए बजट में कर प्रोत्साहन राशि की घोषणा की गई है। बजट में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों से पूंजी लाभों के विवरण, बैंकों और डाकघरों आदि से लाभांश आय और ब्याज का प्रस्ताव दिया गया है और यह रिटर्न को आसानी से भरने के लिए पहले से भरा होगा। वेतन आय, कर भुगतान, टीडीएस आदि के विवरण भी रिटर्न में पहले से ही भरे होंगे।
शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल चलाने वाले छोटे चैरिटेबल न्यासों पर आयकर का भार कम करने के लिए बजट में राहत की घोषणा की गई है। इसके तहत एक करोड़ रुपए से लेकर 5 करोड़ रुपए तक की वार्षिक लेखा प्रविष्टियों पर राहत की सीता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि महामारी के बाद, दुनिया एक नए रूप में उभरती हुई नजर आती है और भारत इसमें एक अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य में हमारी कर प्रणाली को पारदर्शी, कुशल होना होगा और देश में निवेश और रोजगार को प्रोत्साहन देना चाहिए। मंत्री महोदया ने कहा कि इसके साथ-साथ इसे हमारे कर दाताओं पर न्यूनतम बोझ डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स दर में कमी, लाभांश वितरण टैक्स की समाप्ति और छोटे करदाताओं के लिए छूट में वृद्धि सहित करदाताओं और अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए सरकार द्वारा सुधारों की एक सीरीज प्रस्तुत की गई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में इनकम टैक्स दाखिल करने वालों की संख्या 6.48 करोड़ रही, जबकि 2014 में यह संख्या 3.31 करोड़ थी।