- पिछली 3 तिमाहियों में बैंक का मुनाफा 200 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है।
- आरबीआई 9 मई को बैंक के नतीजों के बाद समीक्षा करेगा।
- PCA से बाहर होने के बाद बैंक से प्रतिबंध हट जाएंगे।
नई दिल्ली। राज्य के स्वामित्व वाला कमर्शियल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपनी वित्तीय हालत ठीक करने के लिए जल्द ही एक बड़ा कदम उठा सकता है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपनी 13 फीसदी शाखाओं को बंद करने का प्लान बना रहा है। रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक दस्तावेज के मुताबिक, बैंक मार्च 2023 के अंत तक घाटे में चल रही शाखाओं को बंद कर देगा या इनका विलय कर देगा। बैंक घाटे में चल रही अपनी 600 ब्रांच के लिए यह कदम उठा सकता है।
वर्तमान में बैंक की 4,594 ब्रांच
एक सरकारी सूत्र ने कहा कि ऋणदाता द्वारा अपने फाइनेंस में सुधार के लिए यह सबसे कठोर कदम है। इसके बाद रियल एस्टेट जैसे नॉन कोर एसेट्स की बिक्री हो सकती है। इससे पहले बैंक की ब्रांच बंद होने की सूचना नहीं दी गई। मालूम हो कि मौजूदा समय में 100 साल से ज्यादा पुराने ऋणदाता के पास 4,594 ब्रांच का नेटवर्क है।
बैंक को जून 2017 में पीसीए कैटेगरी में डाला गया
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल बैंक के साथ अन्य उधारदाताओं के समूह को साल 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) के तहत रखा गया था। तब नियामक ने पाया था कि कुछ राज्य-संचालित बैंक रेगुलेटरी कैपिटल, बैड लोन और लेवरेज अनुपात पर अपने नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। तब से सेंट्रल बैंक के अलावा सभी ऋणदाताओं ने अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार किया है और आरबीआई की पीसीए लिस्ट से बाहर आ गए हैं।
पीसीए के तहत एक बैंकों को नियामक द्वारा अधिक जांच का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही उधार देने और जमा करने पर प्रतिबंध, नई शाखा खोलने पर रोक और कुछ अन्य प्रतिबंध का भी सामना करना पड़ सकता है।