- कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं।
- महामारी को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
- कर्मचारियों को वापस दफ्तर लाने की योजनाओं पर ओमिक्रोन वैरिएंट के फैलने से असर पड़ा है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार जनता को सतर्क रहने के लिए कह रही हैं। ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को कार्यस्थलों के लिए कड़े उपायों की घोषणा की और कहा कि कंपनियों को जहां तक संभव हो वर्क फ्रॉम होम (work from home, WFH) का पालन करना चाहिए।
हाई अलर्ट पर हैं कंपनियां
इकोनॉमिक टाइम्स ने आरपीजी ग्रुप, डाबर इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे फ्लिपकार्ट और मीशो, नोब्रोकर, मेक-माईट्रिप, पारले प्रोडक्ट्स, प्यूमा इंडिया, नेटएप और डीएलएफ सहित कई क्षेत्रों की कंपनियों से बात की। ये सभी कंपनियां हाई अलर्ट पर हैं और घटनाक्रम पर नजर रख रही हैं।
जानें दिग्गज कंपनियों ने क्या कहा
जो कंपनियां अगले दो से तीन महीनों में कर्मचारियों के लिए कार्यालय लौटने की योजना बना रही थीं, वे भी अपने फैसले पर रोक लगा रही हैं। आरपीजी ग्रुप में मानव संसाधन समूह के अध्यक्ष एस वेंकटेश ने कहा कि, 'पिछले कुछ महीनों में, हमारे कार्यालयों में 50 फीसदी क्षमता पर काम जारी है। ओमिक्रोन संस्करण के मामलों में हालिया वृद्धि को देखते हुए, हम कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरत रहे हैं।'
Marico में कॉर्पोरेट कार्यालय के 20 से 25 फीसदी कर्मचारी ऑल्टरनेट सप्ताह रोस्टर मॉडल पर ऑफिस आ रहे हैं। कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) अमित प्रकाश ने कहा कि, 'हम जोखिम का आकलन करना और संक्रमण दर की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे, जिसके आधार पर हम अपनी स्थिति की समीक्षा करेंगे और यदि आवश्यक हो तो नियम में संशोधन करेंगे।'
बंगलुरु स्थित यूनिकॉर्न नो-ब्रोकर के 50 फीसदी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। कंपनी के सह-संस्थापक अमित अग्रवाल ने कहा कि, 'हम उन्हें जनवरी में कार्यालय में बुलाने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया में देरी करेंगे और वर्क फ्रॉम होम को और प्रोत्साहित करेंगे।'