- कोरोना वायरस से दुनिया के कारोबार पर पड़ा बुरा असर, भारत भी अछूता नहीं
- अगले कुछ महीनों में हालात यदि नहीं सुधरे तो मंदी की चपटे में आ सकती है अर्थव्यवस्था
- इस बीमारी के असर से कारोबार, उत्पादन और पर्यटन सभी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं
नई दिल्ली: कोरोना के कहर को एक महीना पूरा हो चुका है। इसकी चपेट में 70 से ज्यादा देश आ चुके हैं और दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को इसने बुरी तरह से प्रभावित किया है। चीन,इटली,इरान और दक्षिण कोरिया में तबाही मचाने के बाद अब यह भारत में भी पहुंच गया है। एक तरफ इसने लोगों में खौफ पैदा किया है तो दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था के हालात पर भी बुरी तरह चोट कर रहा है। इस बीमारी के असर से कारोबार, उत्पादन और पर्यटन सभी क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं।
दिल्ली के पर्यटन कारोबार को कोरोना का डंक
भारत में अबतक कोरोना वायरस से 31 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनका इलाज चल रहा है। इस बीच दिल्ली के पर्यटन उद्योग को काफी धक्का लगा है। दिल्ली आने वाले एक लाख से ज्यादा सैलानियों ने अपनी यात्रा कोरोना वायरस के मद्देनजर रद्द कर दी है। बुकिंग रद्द होने की वजह से होटल उद्योग को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। पिछले चार दिनों में देखा जाए तो दिल्ली में 10 फीसदी से ज्यादा सैलानियों की संख्या में गिरावट आई है। 50 फीसदी से ज्यादा होटल की बुकिंग रद्द हो गई है। जिन लोगों ने बुकिंग कैंसिल की है उसमें सबसे ज्यााद विदेशी सैलानी हैं। अगर कोरोना से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ी तो यकीनन आने वाले दिनों में ना सिर्फ पर्यटन बल्कि हर व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। दिल्ली में मॉल जाकर घूमने और शॉपिंग करनेवाले की संख्या में भी भारी गिरावट देखी जा रही है।
देश में 34.8 करोड़ डॉलर का व्यापार प्रभावित होने का अंदेशा
कोरोना वायरस की महामारी से भारत का 34.8 करोड़ डॉलर का व्यापार प्रभावित होने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के अनुसार कोरोना वायरस वजह से आर्थिक तौर पर प्रभावित होने वाले शीर्ष 15 देशों में भारत भी शामिल है। इस वायरस के प्रकोप का असर चीन के विनिर्माण उद्योग पर पड़ा है जिसकी वजह से वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ है। विकास और व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन यानी अंकटाड ने बुधवार को यह रपट प्रकाशित की है। हालांकि भारत के व्यापार पर पड़ने वाला प्रभाव यूरोपीय संघ, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया से कम है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से चीन के विनिर्माण क्षेत्र को धक्का लगा है। इससे दुनिया भर की आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्यात में 50 अरब डॉलर की कमी आने की आशंका है।
अंकटाड की रिपोर्ट (व्यापार प्रभावित होने का अनुमान)
- यूरोपीय संघ -15.6 अरब डॉलर
- अमेरिका -5.8 अरब डॉलर
- जापान -5.2 अरब डॉलर
- ताइवान-2.6 अरब डॉलर
- वियतनाम - 2.3 अरब डॉलर
- भारत- 34.8 करोड़ डॉलर
- इंडोनेशिया - 31.2 करोड़ डॉलर
भारत के इन क्षेत्रों में नुकसान का अंदेशा
- रसायन -12.9 करोड़ डॉलर
- कपड़ा - 6.4 करोड़ डॉलर
- वाहन- 3.4 करोड़ डॉलर
- इलेक्ट्रिक मशीनरी - 1.2 करोड़ डॉलर
- चर्म उत्पाद -1.3 करोड़ डॉलर
- धातु एवं धात्विक उत्पाद - 2.7 करोड़ डॉलर
- फर्नीचर - 1.5 करोड़ डॉलर
कोरोना के कहर से चौतरफा गिरावट
कोरोना के कहर से शेयर बाजार, पर्यटन और परिवहन समेत चौतरफा असर से कंपनियों के बंद होने की शुरुआत भी होने लगी है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन 15 देशों की सूची में शामिल है, जिनकी अर्थव्यवस्थाओं को इस कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। इस रिपोर्ट के मुताबिक आइए जानते है कि दुनिया भर में किस सेक्टर को कितने नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आशंका यह भी है कि अगर कोरोना का कहर अगले कुछ महीने तक जारी रहा तो दुनिया भर के ग्लोबल इकॉनोमी में एक फीसदी तक की गिरावट आ सकती है जिससे हालात और भी खराब हो सकते हैं। 15 देशों की सूची में भारत भी है जिसे कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
(संभावित नुकसान का अंदेश)
- एयरलाइंस- 113 अरब डॉलर
- निर्यातक- 50 अरब डॉलर
कोरोना की मार से एयरलाइंस सेक्टर पर बुरा असर
गौर हो कि पिछले 11 साल में पहली बार दुनिया भर के हवाई सफर में मुसाफिरों की संख्या में गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ यानी आईएटीए के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रभाव से एयरलाइन उद्योग को 2020 में राजस्व में 113 अरब डॉलर की चपत लग सकती है। आईएटीए के एक अनुमान के मुताबिक जिस तरह कोरोना वायरस एक महामारी के रूप में दुनिया भर में फैल रहा है उससे एयरलाइन उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है। इसका असर हवाई ईंधन की आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर भी हो रहा है। कोरोना का साइड इफेक्ट साफ देखने को मिल रहा है, जैसे ब्रिटेन की विमानन कंपनी फ्लाइब ने गुरुवार को बंद होने की घोषणा कर दी। 2008 की वैश्विक मंदी के बाद यह पहला मौका है जब वैश्विक चुनौती से कोई कंपनी बंद हुई है।
215 लाख करोड़ का हो सकता है नुकसान
वर्ल्ड बैंक की एक रिसर्च के मुताबिक किसी महामारी की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था को करीब 215 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। भारत की जीडीपी लगभग 200 लाख करोड़ रुपए की है यानी भारत की जीडीपी से ज्यादा का घाटा ग्लोबल इकॉनोमी को हो सकता है. और दुनिया के लगभग 190 देश ऐसे हैं जिनकी अर्थव्यवस्था 215 लाख करोड़ रुपए से कम है।