- कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पीएफ का पैसा निकलाने की छूट दी गई है
- ईपीएफ खाते के सदस्य जमा की गई राशि का 75 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं
- ईपीएफओ के नाम पर फर्जी कॉल के जरिए से ठगने की घटनाएं भी सामने आई हैं
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण पर काबू पाने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च लागू है जो बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया है। लॉकडाउन के वजह कामकाज ठप हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है। ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कामगारों द्वारा ईपीएफ में जमा किए पैसे को निकालने की छूट दी है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाला ईपीएफओ संगठन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पीएफ का पैसा निकलाने की छूट दी है। इस योजना के तहत ईपीएफ खाते के सदस्य जमा की गई राशि का 75 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। ईपीएफओ ने किए गए क्लेम को तेजी से निपटाया है लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो इसका फायदा नहीं ले पा रहे हैं। इसी तरह कुछ लोग हैं जिन्हें ईपीएफओ के नाम पर फर्जी कॉल के जरिए से ठगने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इसके बाद ईपीएफओ ने सभी कर्मचारियों और सदस्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।
आपके खाते में नहीं पहुंची है क्लेम की राशि?
ईपीएफओ ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि लोग अगर अपने पैसे निकालने के लिए क्लेम कर रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें नहीं तो आपके पैसे आपके खाते में नहीं पहुंच पाएंगे। इतना ही नहीं इसे दूसरे लोग भी ले सकते हैं। ईपीएफओ ने अपने सदस्यों और कर्मचारियों को ट्वीट कर बताया है कि अगर उन्हें अपने क्लेम की राशि अब तक नहीं मिली है तो वो कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखें।
क्लेम की राशि के लिए ये करना जरूरी
क्लेम की राशि वक्त पर पाने के लिए सदस्यों को अपने यूएएन में अपने बैंक अकाउंट नंबर और उससे जुड़ी जरूरी जानकारी के अपडेट रखना होगा। मेंबर जब चाहे तक यह जानकारी अपडेट कर सकता है और इसके लिए उसे अपने इंप्लॉयर या कंपनी की मंजूरी जरूरी होगी। साथ कहा गया कि हमेशा देखें कि आपके यूएन में दिया गया बैंक अकाउंट नंबर सही है या नहीं। साथ ही बैंक अकाउंट चालू हों ताकि सही बैंक खाते में ही रुपए पहुंचे। इसमें गलत बैंक अकाउंट नंबर या IFSC कोड के कारण आपका पैसा किसी और के खाते में जा सकता है।
फोन पर कोई जानकारी नहीं मांगता है ईपीएफओ
ईपीएफओ ने एक अन्य ट्वीट कहा कि वो कभी भी अपने सदस्यों और कर्मचारियों से कभी भी आधार नंबर, यूएएन, पैन कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट, ओटीपी नंबर जैसी निजी जानकारियां फोन पर नहीं मांगता है और ना ही ईमेल करके। अगर उन्हें इस तरह के कोई मैसेज या फोन आ रहे हैं तो उनपर भरोसा कर अपनी जानकारी शेयर करना भारी पड़ सकता है। अगर किसी को इस तरह के फोन आते हैं तो वो पहले अपने नजदिकी ईपीएफ ऑफिस या जिम्मेदार अधिकारियों से बात करें और फर्जी फोन की शिकायत दर्ज करवाएं।
65 लाख पेंशनभोगियों को किए गए भुगतान
रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ ने मंगलवार को कहा कि उसने अपनी पेंशन योजना के तहत अप्रैल के लिए 65 लाख पेंशनभोगियों को कुल 764 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। श्रम मंत्रालय के बयान के अनुसार ईपीएफओ के सभी 135 फील्ड कार्यालयों ने देशव्यापी कोरोना लॉकडाउन के बीच पेंशनरों को असुविधा से बचने के लिए अप्रैल 2020 के लिए पेंशन भुगतान की प्रक्रिया पूरी की।