- राहत पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस
- भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर की कई अहम घोषणाएं
- रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में किए बड़े और अहम ऐलान
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को सरकार के मेगा आर्थिक राहत पैकेज की चौथी किश्त की घोषणा की और साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने को लेकर अहम ऐलान भी किए। उन्होंने लगातार चौथे दिन शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बड़े सुधारों पर जोर दिया। इससे पहले उन्होंने तीन दिनों में अलग- अलग क्षेत्रों को लेकर सरकार की योजना साझा की थी।
वित्त मंत्री की घोषणाएं,
- 8 क्षेत्रों को लेकर घोषणाएं: आज 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणाएं कीं। इसमें कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्रों, परमाणु ऊर्जा शामिल थे। ये सभी ऐलान स्वदेशी को बढ़ावा देने और देश को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित रहे।
- परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सुधार: परमाणु क्षेत्र में भारत के मजबूत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र - रिसर्च सुविधाओं और तकनीकी उद्यमियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी विकास और ऊष्मायन केंद्र (टेक्नॉलॉजी डेवलपमेंट कम इनक्यूबेशन सेंटर) स्थापित किए जाएंगे।
- अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र को बढ़ावा, इसरो की ले सकेंगे मदद: निजी क्षेत्र भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा में भागीदार बन सकेगा। सैटेलाइट, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष -आधारित सेवाओं में निजी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो उपकरणों और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। निजी क्षेत्र के लिए ग्रहों की खोज- रिसर्च, बाहरी अंतरिक्ष यात्रा आदि के लिए भविष्य की परियोजनाओं में मदद की जाएगी।
- नागरिक उड्डयन: इस क्षेत्र में अहम घोषणाएं वित्त मंत्री की ओर से की गई हैं। भारतीय वायु क्षेत्र का फिलहाल 60 फीसदी ही उपयोग होता है। इस प्रतिबंध को कम किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ान अधिक कुशल हो और विमान छोटे रास्ते चुन सकें। इससे लोगों का समय बचेगा, पर्यावरण को कम नुकसान होगा, खर्च कम होगा। विमानन क्षेत्र के लिए प्रति वर्ष 1000 करोड़ का लाभ दिया जाएगा।
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर संचालन और रख रखाव के लिए 6 में से 3 हवाई अड्डों को नीलामी के लिए रखा है। 12 हवाई अड्डों में निजी क्षेत्र द्वारा अतिरिक्त निवेश और दूसरे दौर में 13,000 करोड़ रुपए की उम्मीद है। भारत विमान रख रखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के लिए, एमआरओ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कर व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाया गया है। विमान घटक की मरम्मत और एयरफ्रेम रख रखाव 3 वर्षों में 800 करोड़ रुपए से बढ़कर 2000 करोड़ रुपए हो गया है।
- विदेशी हथियारों के आयात पर रोक: रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए 'मेक इन इंडिया' पर जोर दिया जाएगा। हम साल दर साल समय सीमा के साथ आयात पर प्रतिबंध के लिए हथियारों / प्लेटफार्मों की एक सूची तैयार करेंगे, जिन्हें विदेशों से नहीं खरीदा जाएगा।
- धीरे- धीरे आयात किए जाने वाले कई उपकरणों का स्वदेशीकरण होगा। रक्षा निर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा ऑटोमैटिक एफडीआई रूट के तहत 49% से बढ़ाकर 74% तक की जाएगी।
- कोयला उत्पादन: कोयला क्षेत्र में कई अवसर मौजूद हैं। इस क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपए निवेश किया जाएगा। CIL (कोल इंडिया लिमिटेड) द्वारा 2023-24 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है है। 500 खनन ब्लॉकों को एक खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से पेश किया जाएगा, एल्यूमिनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की एक संयुक्त नीलामी शुरू की जाएगी।
- सुधार और बदलाव में पीएम मोदी का मजबूत रिकॉर्ड: बड़े और असरदार सुधार करने में पीएम का बहुत मजबूत रिकॉर्ड है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने लोगों को सीधे पैसा देने में सक्षम बनाया, वन नेशन वन मार्केट में लाया गया, जीएसटी, आईबीसी ने दिवाला मुद्दों को हल किया, व्यापार के कदम उठाने में आसानी हुई, आगे भी इस तरह के कदम उठाए जाएंगे।
- नीतियां सरल बनाने पर जोर: कई क्षेत्रों को नीति सरलीकरण की आवश्यकता है, ताकि लोगों को यह समझने में सरलता हो सके कि कौन सा क्षेत्र क्या दे सकता है। व्यक्ति कौन से सेक्टर की गतिविधियों में भाग ले सकता है और पारदर्शिता लाने की जरूरत है। इससे हम विकास और नौकरियों को भी बढ़ावा दे सकते हैं।
- आज की घोषणाएं नए क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित हैं, ऐसे क्षेत्र जहां विकास संभव है और रोजगार उत्पन्न होता है।
- कड़ी स्पर्धा की तैयारी: पीएम ने कहा था कि हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा की तैयारी करनी चाहिए। जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो हम सिर्फ अपनी ओर नहीं देख रहे हैं, यह अलगाव की नीति नहीं है, यह भारत को अपनी ताकत पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि पहले दिन वित्त मंत्री ने MSMEs मजदूरों, ठेकेदारों, संविदा कर्मचारियों, मजदूर वर्ग और व्यापक उद्योग के लिए समर्थन सहित कई अन्य श्रेणियों के लिए अतिरिक्त समर्थन की भी घोषणा की गई है। दूसरे दिन 3.16 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की और इसमें प्रवासी श्रमिकों के लिए मुफ्त अनाज, किसानों को रियायती ऋण और सड़क विक्रेताओं के लिए कार्यशील पूंजी ऋण जैसे सोप शामिल हैं।
जबकि तीसरे दिन उन्होंने कृषि संबंधी आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपए, नए कानून में किसानों को कहीं भी उपज बेचने की छूट और मत्स्य पालन, पशुपालन संबंधी कई घोषणाएं की थीं।