- गलवान घाटी हिंसा के बाद चीन को सबक सिखाने की तैयारी में भारत
- बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क को अपग्रेड करने के टेंडर नियमों में हो रहा बदलाव
- भारतीय अर्थव्यवस्था से चीनी कंपनियों को दूर करने की दिशा में पहल शुरू
नई दिल्ली : गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद चीन को कड़ा संदेश देने के लिए सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने चीनी की कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था से दूर रखने की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है। टेलिकॉम मंत्रालय बीएसएनएल 4जी नेटवर्क को अपग्रेड करने के लिए टेंडर को नए सिरे से तैयार कर रहा है। सूत्रों ने टाइम्स नाउ को बताया कि सरकार ने यह फैसला गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसा के एक दिन बाद उठाया है। चीनी कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था से दूर रखने के लिए केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय की यह एक बड़ी पहल है।
चीन के उत्पादों के खिलाफ गुस्सा बढ़ा
गलवान घाटी हिंसा के बाद देश में चीन के खिलाफ आक्रोश काफी बढ़ गया है। बुधवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाए गए। सोशल मीडिया पर चीन के उत्पादों के बहिष्कार एवं उसके साथ कारोबार समाप्त करने की मांग की जा रही है। गलवान घाटी में चीन की सेना पीएलए के साथ हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं।
पीएम मोदी ने दिया है कड़ा संदेश
भारत सरकार ने लद्दाख में चीन की हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को चीन का नाम लिए बगैर उसे सख्त लहजे में संदेश दिया। पीएम ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर देश है लेकिन उसे उकसाया गया तो वह करारा जवाब देगा। उन्होंने कहा कि देश की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता सबसे अहम है। भारत इसके साथ कोई समझौता नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
भारत में और मुश्किल होगी चीनी कंपनियों की राह
समझा जाता है कि आने वाले समय में भारत सरकार चीनी कंपनियों की कारोबारी राह और मुश्किल बनाएगी। कुछ समय पहले भारत सरकार ने देश में चीनी कंपनियों के निवेश से संबंधित नियम कड़े किए हैं। भारत सरकार का यह कदम चीन को नागवार गुजरा। अब बीएसएनएल अपने 4जी नेटवर्क के अपग्रेडेशन के लिए टेंडर प्रक्रिया के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। जाहिर है कि ये नियम चीनी कंपनियों को टेंडर प्रक्रिया से बाहर करने वाले होंगे।