- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राहत पैकेज के बारे में कई दिनों से विस्तार से जानकारी दे रही हैं
- उन्होंने श्रमिकों के लिए मौजूदा कानूनों में बदलाव की भी बात कही है
- प्रस्तावित श्रम कानूनों में वर्तमान 5 साल की स्थिति के मुकाबले एक वर्ष की सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी से उपजे आर्थिक हालात से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया। इस पैकेज के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कई दिनों से विस्तार से जानकारी दे रही हैं। उन्होंने खासकर के श्रमिकों के लिए कई सामाजिक सुरक्षा उपायों की घोषणा की। उनमें निश्चित अवधि के रोजगार के लिए ग्रेच्युटी (Gratuity) पैमेंट शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित श्रम कानूनों में वर्तमान 5 साल की स्थिति के मुकाबले एक वर्ष की सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है। लागू होने पर, यह उन श्रमिकों को लाभ मिलेगा जो 5 साल से पहले नौकरी खो देते हैं या छोड़ देते हैं।
वर्तमान में 5 साल नौकरी पूरा करने पर ही कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिलता है। पांच साल पहले नौकरी छोड़ने पर ही या नौकरी से निकाले जाने पर यह राशि नहीं मिलती है। ग्रेच्युटी का नियम है कि पांच साल की सेवा से पहले ही कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो कंपनी को उस कर्मचारी के परिवार को ग्रेच्युटी की राशि देनी होती है। अगर कर्मचारी नौकरी के दौरान किसी हादसे में विक्लांग हो जाता है तो उस स्थिति में भी कंपनी को ग्रेच्युटी देना होती है।
सीतारमण ने श्रम कानूनों के लिए अन्य प्रावधानों को किया लिस्टेड-
- वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की जाएगी। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एक री-स्किलिंग फंड शुरू किया जाएगा।
- वित्त ने कहा कि सभी व्यवसाय महिलाओं के लिए खोले जाएंगे और रात में सुरक्षा उपायों के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी। असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का प्रावधान होगा।
- असंगठित श्रमिकों समेत सभी श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी के अधिकार और समय पर भुगतान किया जाएगा। वर्तमान में, न्यूनतम मजदूरी नियम केवल 30 प्रतिशत श्रमिकों पर लागू है।
- राष्ट्रीय स्तर पर मजदूरी के लिए कानून बनेगा। इससे न्यूनतम मजदूरी में क्षेत्रीय असमानता कम होगी। न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण को सरल बनाया जाएगा।
- सभी श्रमिकों को औपचारिकता को बढ़ावा देने के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। कर्मचारियों की सालाना स्वास्थ्य जांच होगी।
- अंतर-राज्य प्रवासी श्रमिक की परिभाषा को कंपनियों द्वारा नियोजित प्रवासी श्रमिकों को शामिल करने के लिए संशोधित किया जाएगा, श्रमिक सीधे अपने स्वयं के राज्य में आ रहे हैं इसके अलावा प्रवासी श्रमिक एक ठेकेदार के माध्यम से कार्यरत हैं।
- ईएसआईसी कवरेज का विस्तार सभी जिलों में पैन-इंडिया और 10 या उससे अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को किया जाएगा।
- ईएसआईसी कवरेज का विस्तार स्वैच्छिक आधार पर 10 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों तक किया जाएगा। 10 से कम कर्मचारियों वाले खतरनाक उद्योगों में कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से ईएसआईसी कवरेज अनिवार्य होगा।