- बैंकों की तरह पोस्ट ऑफिस में बचत खाता ओपन करवा सकते हैं।
- पोस्ट ऑफिस बचत खाते से प्राप्त ब्याज आय पर टैक्स छूट भी ले सकते हैं।
- डाकघर बचत खातों के टैक्स छूट नियम क्या हैं नीचे विस्तार से जानिए।
फिक्स्ड डिपॉजिट के अलावा छोटी बचत स्कीम्स निवेश करने के लिए जोखिम मुक्त साधनों में सबसे सुरक्षित विकल्प हैं। डाकघर बचत खातों जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें हर तिमाही अपडेट होती हैं। सरकार ने जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर स्थिर रखी है। बैंकों की तरह कोई भी इमरजेंसी या तत्काल वित्तीय जरुरतों को पूरा करने के लिए डाकघर में बचत खाता खोल सकता है। लेकिन क्या आप डाकघर बचत खातों के टैक्स छूट नियम जानते हैं और आप कितना टैक्स बचा सकते हैं।
डाकघर बचत खाता टैक्स छूट नियम
हालांकि यह सर्वविदित है कि कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस बचत खाते से प्राप्त ब्याज आय से धारा 80TTA के तहत 10,000 रुपए तक की टैक्स कटौती कर सकता है। धारा 80TTA के तहत टैक्स लाभ की मांग करते हुए कोई जमाकर्ता पोस्ट ऑफिस बचत खाते से टैक्स फ्री आय के रूप में ब्याज का दावा भी कर सकता है। नतीजतन इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(15)(i) आपको डाकघर बचत खाते से टैक्स फ्री आय के रूप में ब्याज का दावा करने की अनुमति देती है।
3 जून, 2011 की एक सरकारी घोषणा के अनुसार, डाकघर बचत खाते में एकल खातों के लिए 3,500 रुपए तक और ज्वाइंट अकाउंट के लिए 7,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स फ्री है। अधिसूचना में कहा गया है कि व्यक्तिगत खाते के मामले में 3,500 रुपए और ज्वाइंट खाते के मामले में 7,000 रुपए के ब्याज की सीमा तक। व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत डाकघर के बचत खातों से 10,000 रुपए तक या बुजुर्ग नागरिक होने पर धारा 80TTB के तहत 50,000 रुपए तक ब्याज आय प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा कोई भी व्यक्तिगत खाते के संबंध में 3,500 रुपए तक और संयुक्त खाते के संबंध में 7,000 रुपए तक के बचत खाते से ब्याज आय पर धारा 10(15)(i) के तहत कटौती लाभ की डिमांड कर सकता है। नतीजतन, एक गैर-वरिष्ठ व्यक्ति संयुक्त रूप से स्वामित्व वाले डाकघर बचत खाते पर टैक्स फ्री ब्याज के रूप में 7,000 रुपए की घोषणा कर सकता है, साथ ही साथ डाकघर बचत खाते पर 10,000 रुपए तक की ब्याज आय से टैक्स लाभ के क्रमशः 7,000 रुपए के सरप्लस में कर सकता है।
गौर हो कि अगर आपने किसी डाकघर में बनाए गए अपने बचत खाते से अर्जित ब्याज पर छूट की घोषणा की है, तो आपको 'छूट आय' के तहत अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) पर इस तरह की छूट की घोषणा करनी चाहिए।