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Health insurance: हेल्थ इंश्योरेंस लेना है तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगी खर्चे की टेंशन

Updated Jul 13, 2020 | 13:49 IST

Tips to choose the right health insurance policy: आज के दौर में गंभीर बीमारियों का इलाज कराना काफी महंगा हो चुका है। इसकी वजह से कई लोगों की आर्थिक स्थिती खराब हो जाती है।

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हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
मुख्य बातें
  • जानिए कैसे चुन सकते हैं सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी।
  • हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त इन बातों का खास ध्यान रखें।
  • कोरोना महामारी के इस दौर में हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत बढ़ गई है।

मंहगाई के इस दौर में किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज करवाने में लाखों रुपये खर्च होते हैं। अगर आप प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रहे हैं तो आर्थिक सहायता के बिना इलाज पर होने वाले खर्चों को पूरा करना संभव नहीं हो पाता है। वहीं अचानक हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ जाए तो जमा पूंजी पूरी तरह खर्च हो सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस मददगार साबित होता है। यह इलाज में होने वाले खर्च के बोझ को न सिर्फ कम कर देता है बल्कि आप बिना किसी चिंता के आसानी से अपना इलाज करवा सकते हैं।

कोरोना महामारी के इस दौर में हेल्थ इंश्योरेंस का होना बहुत जरूरी है। लेकिन किसी भी हेल्थ पॉलिसी को लेने से पहले उसे अच्छी तरह समझना बहुत जरूरी है। क्योंकि कौन सी पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद है और कौन सी नहीं, इस बारे में जानकारी आपको पहले से होना चाहिए। वहीं हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए,आइए जानते हैं...

  • कोई भी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले, उसके नियम और शर्तों को अच्छी तरह पढ़ें। कई बार हम इंश्योरेंस की शर्तों से अवगत नहीं होते है, जिसका नुकसान हमें झेलना पड़ सकता है। ऐसे में जानें कि आखिर पॉलिसी में क्या शामिल है और क्या नहीं।
  • हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले यह देख लें कि आपको कितने अमाउंट तक के पॉलिसी की आपको जरूरत है। इसके साथ ही यह भी देखें कि परिवार के किस-किस सदस्य को इस पॉलिसी में शामिल करना चाहते हैं। इसी के आधार पर ही प्रीमियम भी तय किया जाएगा।
  • हमेशा यह चेक करें कि हेल्थ इंश्योरेंस हॉस्पिटल के इलाज के खर्च और इलाज से पहले और बाद में किए गए खर्च को कवर करता है या नहीं।
  • पॉलिसी में NCB का फीचर जरूर होना चाहिए। इसके जरिए आपको पॉलिसी ईयर में कोई क्लेम न करने पर एडिशनल चार्ज मिलेगा। यानी आप अगर आगे चाहे तो इंश्योरेंस की राशि को इससे बढ़ा सकते हैं। जैसे-जैसे क्लेम फ्री साल बढ़ेंगे, वैसे ही NCB का प्रतिशत भी बढ़ेगा। इस तरह आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करते ही ले सकते हैं। 
  • हर एक इंश्योरेंस कंपनी का टाई-अप कई हॉस्पिटल्स से रहता है, ऐसे में उसके कैशलेश अस्पतालों की लिस्ट चेक करें। इससे आप चेक कर सकते हैं कि आपकी पसंद के साथ-साथ आपके आसपास के अस्पताल शामिल हैं या नहीं।
  • जिस भी कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस लें, इस बात का ध्यान रखें कि वह विस्तृत नेटवर्क वाली होनी चाहिए। ताकी जरूरत के हिसाब से उचित जगह पर क्लेम कवर किया जा सकें। इसके साथ ही क्लेम से निपटने का उनका रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए। 
  • कई कंपनियां नए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स लेकर आईं हैं, जिनमें फ्री हेल्थ चेकअप और कुछ फिटनेस गोल शामिल हैं। इसे लेने पर आप उनके टर्म्स के हिसाब से प्रीमियम डिस्काउंट भी हासिल कर सकते हैं।
  • हर एक इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमारियों के इलाज के लिए वेटिंग पीरियड होता है। उस अवधि के दौरान इंश्योरेंस कंपनी क्लेम का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार नहीं होती है। यह अवधि पॉलिसी खरीदने के दिन से 30 दिनों तक रहती है। इस अवधि के बाद कुछ इलाजों पर चुनिंदा शर्त रखे जाते हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ पॉलिसी में मैटरनिटी फायदे के लिए चार साल की वेटिंग पीरियड रहती है। 

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