- स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से विमान, ट्रेन, बसों से चलने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं
- 25 मई से घरेलू उड़ान सेवा फिर से शुरू हो रही है
- एक जून से नॉन एसी ट्रेनें भी चलाई जाएंगी
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बीच सड़क, रेल और हवाई यातायात व्यवस्था फिर से शुरू करने का फैसला ले लिया गया है। बस और रेल सेवाएं पहले ही शुरू हो गई हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेन एक मई से शुरू हुई थी। स्पेशल ट्रेन 14 मई से शुरू हुई लेकिन वह एसी ट्रेनें हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अब एक जून से नॉन एसी ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। उधर नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी 25 मई से घरेलू उड़ान सेवा फिर से शुरू करने की घोषणा की है। ऐसे में यात्रा के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण ने फैले इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीनों यात्रा सेवा के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से एयरपोर्ट्स, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के प्रस्थान बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि बिना लक्षण वाले यात्रियों को 14 दिन के लिए सेल्फ मॉनेटरिंग काउंसलिंग के साथ यात्रा की अनुमति दी जाएगी। गाइडलाइन्स में क्या-क्या हैं नीचे आप पढ़ सकते हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू यात्रा के लिए रविवार को दिशा-निर्देश जारी कर यात्रियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी।
- घरेलू यात्रा (हवाई/ट्रेन/ अंतर राज्यीय बस यात्रा) के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया कि संबंधित एजेंसियों को यात्रियों को टिकट के साथ क्या करें और क्या न करें की लिस्ट भी उपलब्ध करानी होगी।
- सभी यात्रियों को अपने-अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है।
- ये निर्देश भारतीय रेलवे द्वारा पिछले हफ्ते उन 100 जोड़ी ट्रेनों (अप-डाउन) की लिस्ट जारी करने के बाद आए हैं जिन्हें एक जून से चलाया जाएगा। इन ट्रेनों में दुरंतो, संपर्क क्रांति, जन शताब्दी और पूर्वा एक्सप्रेस जैसी लोकप्रिय ट्रेनों का परिचालन शामिल है।
- घरेलू यात्रा संबंधी गाइडलाइन्स में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के साथ ही विमानों, ट्रेनों और बसों के भीतर भी कोविड-19 संबंधी उचित घोषणा की जानी चाहिए जिसमें एहतियाती कदमों के पालन की जानकारी भी शामिल हो।
- मंत्रालय ने अपने गाइडलाइन्स में कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुनिश्चित करना होगा कि सभी यात्रियों की प्रस्थान स्थल पर थर्मल स्क्रीनिंग हो और केवल उन्हीं यात्रियों को विमान, ट्रेन या बस में सवार होने दिया जाए जिनमें लक्षण न हों।
- इसमें कहा गया कि सवार होते और यात्रा के वक्त, सभी यात्रियों को फेस मास्क या कवर का प्रयोग करना होगा और हाथों की, सांस संबंधी तथा पर्यावरणीय साफ-सफाई का पालन करना होगा।
- इसमें यह भी कहा गया कि हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने संबंधी जरूरी कदम भी उठाए जाएं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन सभी स्थानों की नियमित रूप से सफाई हो या उन्हें संक्रमणमुक्त बनाया जाए तथा वहां साबुन एवं सैनेटाइजर की उपलब्धतता सुनिश्चित हो।
- गाइडलाइन्स में कहा गया कि निकास बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो और बिना लक्षण वाले मरीजों को इस सलाह पर जाने दिया जाए कि वे 14 दिन तक खुद के स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे।
- अगर उनमें किसी तरह के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें राज्य/ राष्ट्रीय कॉल सेंटर (1075) या जिला सर्विलांस अधिकारी को सूचित करना होगा।
- गाइडलाइन्स के मुताबिक जिनमें लक्षण नजर आएंगे उन्हें पृथक रखा जाएगा और पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा जहां उनकी स्थिति की गंभीरता का आकलन किया जाएगा।
- जिनमें औसत या गंभीर लक्षण होंगे उन्हें निर्धारित कोरोना वायरस स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया जाएगा।
- गाइडलाइन्स के मुताबिक जिनमें हल्के लक्षण होंगे उन्हें घर में पृथक रहने या कोविड देखभाल केंद्रों (सरकारी या प्राइवेट केंद्र दोनों) में पृथक रहने का विकल्प दिया जाएगा।
- मंत्रालय ने कहा कि संक्रमित पाए जाने पर, उन्हें कोविड देखभाल केंद्र में ही रहना होगा और क्लीनिकल प्रोटोकॉल के जरिए उनका ध्यान रखा जाएगा। संक्रमित नहीं पाए जाने पर यात्री को घर जाने दिया जाएगा जहां उसे अलग रहकर 7 दिन तक अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी।
- मंत्रालय ने कहा है कि राज्य अपने आकलन के मुताबिक क्वारंटीन के संबंध में अपने प्रोटोकॉल बना सकते हैं।