नई दिल्ली : आयकर विभाग ने रविवार को कहा कि वह वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिर्टन फॉर्म में संशोधन कर रहा है ताकि करदाता कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार से मिली राहत का लाभ उठा सके। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म को माह के अंत तक अधिसूचित किया जाएगा। रिटर्न फाइल करने की सुविधा 31 मई तक उपलब्ध होगी। सरकार ने कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावाधानों में छूट) अध्यादेश, 2020 के जरिए आयकर कानून, 1961 के तहत विभिन्न समयसीमा को आगे बढ़ाया है। इसके तहत 2019-20 में आयकर कानून के अध्याय VIA-B के तहत कटौती का दावा करने के लिए निवेश या भुगतान को लेकर समयसीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। इसमें 80 सी के तहत एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी आदि तथा 80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा और 80 जी के तहत चंदा शामिल हैं।
रिटर्न फार्म में जरूरी बदलाव शुरू
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार ने जो समयसीमा बढ़ाई है, करदाताओं के उसका पूरा लाभ लेने को लेकर सीबीडीटी वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए रिटर्न फार्म की समीक्षा कर रहा है। इसे इस महीने के अंत तक अधिसूचित कर दिया जाएगा। सीबीडीटी ने कहा कि उसने रिटर्न फार्म में जरूरी बदलाव शुरू किया है ताकि करदाता वित्त वर्ष 2019-20 के अपने रिटर्न फार्म में एक अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 के दौरान अपने लेन-देन का लाभ उठा सकें। बोर्ड के अनुसार संशोधित फार्म अधिसूचित होन के बद साफ्टवेयर और रिटर्न फाइलिंग सुविधा में उसके अनुसार बदलाव की जरूरत होगी। सीबीडीटी ने कहा कि इसीलिए वित्त वर्ष 2019-20 का लाभ लेने के लिए रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था जरूरी बदलाव के बाद 31 मई 2020 तक उपलब्ध होगी।
आयकर रिटर्न फॉर्म अप्रैल के पहले सप्ताह में आता है
आम तौर पर आयकर रिटर्न फॉर्म अप्रैल के पहले सप्ताह में अधिसूचित किया जाता है। इस साल भी आकलन वर्ष 2020-21 के लिए रिटर्न फाइल करने को लेकर ई-फाइलिंग की सुविधा एक अप्रैल 2020 से उपलब्ध थी और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फार्म आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) को भी 3 जनवरी 2020 को अधिसूचित कर दिया गया था। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण करदाताओं की सुविधा के लिए समयसीमा बढ़ायी गई। इसके अनुसार रिटर्न फार्म में संशोधन किए जा रहे हैं।