नई दिल्ली। मांग परिस्थितियां मजबूत होने और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कम होने से भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त के महीने में मजबूत सुधार देखा गया। एक मासिक सर्वेक्षण से बृहस्पतिवार को यह जानकारी मिली है। सर्वे में कहा गया कि उत्पादन में वृद्धि को निर्यात में तेजी और आने वाले वर्ष के लिए सकारात्मक अनुमानों से भी समर्थन मिला।
लगातार 14वें महीने सुधार का संकेत
मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अगस्त में 56.2 हो गया। यह जुलाई में 56.4 था। अगस्त के पीएमआई आंकड़े ने लगातार 14वें महीने के लिए समग्र परिचालन परिस्थितियों में सुधार की ओर संकेत किया। पीएमआई में 50 से ऊपर की संख्या का मतलब विस्तार होता है जबकि 50 से नीचे की संख्या गिरावट दर्शाती है।
GDP Growth Rate: आंकड़े जारी, अप्रैल से जून में 13.5 फीसदी रही भारत की आर्थिक वृद्धि दर
कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने से हुआ लाभ
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में आर्थिक संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय विनिर्माताओं को कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने से लाभ हुआ है। उत्पादन और नए ऑर्डर दोनों की वृद्धि दर पिछले नवंबर के बाद से सबसे मजबूत है। नवीनतम परिणामों से यह संकेत भी मिलता है कि मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं हाल में कुछ हद तक कम हुईं क्योंकि कारोबारी धारणा जो जून में 27 महीने के निचले स्तर पर थी वह अब मजबूत हुई है। वहीं सकारात्मक धारणा छह साल में अपने उच्चतम स्तर पर है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि मजबूत बिक्री, नई सिरे से मिलने वाली पूछताछ और विपणन प्रयासों के पूर्वानुमान ने अगस्त में भरोसा मजबूत किया है।
GST Collection: भर गया सरकार का खजाना, अगस्त में 28 फीसदी बढ़ा जीएसटी कलेक्शन