- यह भारत और नेपाल के बीच पहली यात्री ट्रेन होगी।
- बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक चलेगी ट्रेन।
- भारत ने नेपाल को तोहफे में दी दो डीएमयू ट्रेन।
India Nepal railway service: भारत और नेपाल के बीच शनिवार से रेल सेवा (India Nepal Railway Service) शुरू होने वाली है। यह ट्रेन बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था (Jaynagar-Kurtha railway service)तक ब्रॉड गेज लाइन पर चलने वाली है। कुर्था स्टेशन नेपाल के धनुषा जिले में है जो जनकपुर जोन में आता है।
शनिवार को होगा रेल लाइन का उद्घाटन
यानी अब सीता के जन्म स्थली तक रेलवे की सेवा शुरू होने वाली है। इससे पहले ही यहां अंग्रेजों के जमाने में मीटर गेज रेड लाइन हुआ करती थी, जिसे साल 2000 में खत्म कर दिया गया था। उसके बाद से भारत और नेपाल के बीच में कोई रेल संपर्क नहीं था। इस रेल लाइन के उद्घाटन के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री भारत आए हुए हैं और सूत्रों के मुताबिक शनिवार को नवरात्र के पहले दिन भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे।
कोंकण रेलवे को दिया गया मेंटेनेंस का काम
इसके लिए भारत ने नेपाल को दो डीएमयू ट्रेन अभी तोहफे में दी हैं। इसके अलावा इस रेल लाइन और ट्रेन के मेंटेनेंस का काम कोंकण रेलवे (Konkan Railway) को दिया गया है।
विजा या पासपोर्ट की भी नहीं होगी जरूरत
यानी पहली बार दोनों देशों की सीमा के आर पार मुसाफिर सीधे ट्रेन से यात्रा कर पाएंगे। यह रेल यात्रा करीब 33 किलोमीटर की होगी। इसके लिए बिहार के जयनगर में एक नया स्टेशन भी तैयार किया गया है। इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए मुसाफिरों को विजा या पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नेपाल की सीमा में होगी 66 किलोमीटर रेल लाइन
इस रेल सेवा को शुरू करने के लिए भारत और नेपाल में बड़ी तैयारी की गई है। इस रेल रूट पर यात्री ट्रेन और माल गाड़ी दोनों चला करेंगीं। वहीं इस रेल रूट को नेपाल के बर्दीबास तक ले जाने के लिए नई पटरी बिछाने काम भी चल रहा है। इसमें 3 किलोमीटर रेल लाइन बिहार में जबकि करीब 66 किलोमीटर रेल लाइन नेपाल की सीमा में होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस लाइन के विस्तार का काम भी जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।
मजूबत होंगे भारत नेपाल संबंध
भारत की ओर से नेपाल में भारतीय रेल का विस्तार जहां भारत नेपाल संबंधों को और मजूबत बनाएगा, वहीं यह नेपाल में चीन की दखल को भी कम करेगा। चीन लगातार नेपाल में चीनी रेलवे के प्रवेश और विस्तार की कोशिश में लगा है।