- आज से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो गई है।
- आज से लागू नए नियमों को आपको अच्छे से जान लेना चाहिए।
- इन नियमों का पालन आवश्यक है, वरना आपको नुकसान हो सकता है।
New Income Tax Rules: आज से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही देश में नए इनकम टैक्स (New Income Tax) के नियम भी लागू हो गए हैं। सीबीडीटी और आरबीआई द्वारा जारी अधिसूचनाओं के अलावा इन मानदंडों की घोषणा ज्यादातर केंद्रीय बजट 2022 (Budget 2022) में की गई थी। आज से क्रिप्टो एसेट्स पर टैक्स, नए ईपीएफ टैक्स नियम और 75 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आईटीआर की अनिवार्यता खत्म होने के साथ अन्य नियम लागू हो गए हैं।
कई लोगों को इन नए नियमों को लेकर बहुत कंफ्यूजन है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर नए नियम हैं क्या। एक नागरिक ने सवाल पूछा कि अब उन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर कितना टैक्स देना होगा। वहीं दूसरे ने पूछा कि अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस कब लागू होगा। मुझे भी नए नियमों को लेकर काफी कंफ्यूजन थी। आपकी कंफ्यूजन को दूर करते हुए, आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में-
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क्रिप्टो और अन्य डिजिटल एसेट्स पर टैक्स
बजट 2022 की सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक क्रिप्टो गेन्स का टैक्सेशन था। वित्त वर्ष 2022-23 से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (Virtual Digital Assets, VDA) जैसे बिटकॉइन, डॉजकॉइन आदि से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा। इसके अलावा, किसी भी व्यय (अधिग्रहण की लागत को छोड़कर) के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के टैक्सेशन के लिए आयकर अधिनियम, 1961 (Income-tax Act, 1961) में एक नई धारा 115BBH शामिल की गई है। प्रॉफिट या नुकसान में क्रिप्टो संपत्ति को बेचने पर 1 फीसदी टीडीएस लगेगा। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स में लाभ पर 1 अप्रैल से टैक्स लगाया जाएगा।
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अचल संपत्ति की बिक्री पर नए टीडीएस नियम
अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री पर नए टीडीएस नियम (New TDS rules) 1 अप्रैल 2022 यानी आज से ही लागू हो गए। नए टीडीएस नियमों के अनुसार, अचल संपत्ति के खरीदार विक्रेता को भुगतान की गई राशि या स्टांप शुल्क पर 1 फीसदी की दर से टैक्स (जो भी अधिक हो) काटेंगे। अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस तब लागू होगा जब अचल संपत्ति का बिक्री मूल्य या संपत्ति का स्टांप शुल्क 50 लाख रुपये से ज्यादा हो।
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वरिष्ठ नागरिकों को ITR filing से मिली छूट
1 अप्रैल 2022 से 75 साल या उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट दी गई है। हालांकि, आईटीआर दाखिल करने से यह छूट वरिष्ठ नागरिकों द्वारा कुछ शर्तें पूरी करने पर ही उपलब्ध है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिक द्वारा बैंक को एक डेक्लेरेशन भी दिया जाना है।
अपडेटेड आईटीआर फाइलिंग (Updated ITR filing)
आयकर अधिनियम (Income tax Act) में एक नई उपधारा 139 (8A) जोड़ी गई है। 1 अप्रैल 2022 से करदाता रेलेवेंट निर्धारण वर्ष के अंत से दो साल के अंदर अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अपडेटेड आईटीआर दाखिल करते समय, एक व्यक्ति को टैक्स और देय ब्याज पर अतिरिक्त कर के रूप में 25 फीसदी से 50 फीसदी का भुगतान करना होगा।
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धारा 80EEA के तहत टैक्स का लाभ
1 अप्रैल 2022 से धारा 80EEA के तहत आयकर लाभ बंद कर दिया गया है। बजट 2019 में, केंद्र ने होम लोन लेने वालों को अतिरिक्त 1.50 लाख रुपये आयकर लाभ की घोषणा की थी, जो अपनी पहली संपत्ति 45 लाख रुपये तक के स्टांप शुल्क वैल्युएशन पर खरीदते हैं।
विकलांग व्यक्तियों के लिए टैक्स का लाभ
बजट 2022 ने विकलांग व्यक्तियों के माता- पिता या अभिभावक के लिए एक नया टैक्स बेनेफिट या कटौती पेश की गई। विकलांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक ऐसे व्यक्ति के लिए इंश्योरेंस स्कीम ले सकते हैं। नए टैक्स sop के अनुसार, यदि विकलांग व्यक्ति के माता-पिता बचत जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते हैं, तो कुछ शर्तों के अधीन टैक्स से पहले सकल आय से कटौती के पात्र होंगे।
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ईपीएफ में 2.5 लाख से ज्यादा योगदान के लिए दो खाते (Tax on PF)
अगर कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में कर्मचारी का योगदान पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2.5 लाख रुपये से अधिक होता है, तो अतिरिक्त योगदान पर अर्जित ब्याज कर योग्य होगा। कर्मचारी के हाथ में कर योग्य ब्याज की गणना के लिए, एक नया ईपीएफ खाता बनाया जाएगा।
CBDT ने 31 अगस्त, 2021 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि अतिरिक्त योगदान पर ब्याज पर कैसे टैक्स लगाया जाएगा। इसके अनुसार, किसी कर्मचारी द्वारा 31 मार्च 2021 तक किए गए योगदान को टैक्स फ्री माना जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में 2.5 लाख रुपये तक के योगदान के लिए मौजूदा ईपीएफ खाते में ब्याज जमा किया जाएगा। इस खाते में जमा ब्याज कर मुक्त रहेगा। वित्त वर्ष 2021-22 में ईपीएफ योगदान 2.5 लाख रुपये से अधिक होने पर नया ईपीएफ खाता खोला जाएगा। अतिरिक्त योगदान पर जमा ब्याज कर्मचारी के लिए कर योग्य होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है।