- एडवांस टैक्स की पहली किस्त जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून 2020
- एडवांस टैक्स की किस्त समय पर अदा न करने से लगता है जुर्माना
- इनकम टैक्स की साइट पर जाकर हासिल कर सकते हैं एडवांस टैक्स से संबंधित जानकारी
नई दिल्ली। टैक्सपेयर के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है कि उसे कितना टैक्स देनास कैसे देना है, आईटीआर फाइल करने की सुविधाजनक तरीका क्या है। क्या वो एडवांस में टैक्स अदा करना होगा। इस तरह के सभी उलझनों को खत्म करने के लिए हम आसान तरह एक एक प्वाइंट के बारे में बात करेंगे।
एडवांस टैक्स की पहली किस्त को जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून 2020 है। अगर कोई टैक्सपेयर इस तारीख के बाद यानि 30 जून 2020 तक जमा करता है तो उसे भुगतान में देरी करने के लिए .75 फीसद प्रति महीने के हिसाब से ब्याज लगेगा।
अनुमानित टैक्स लायबिलिटी की समीक्षा
अनुमानित टैक्स लायबिलिटी की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाएगी ताकि सही तरीके और सही मात्रा में टैक्स को जमा किया जा सके। आयकर अधिनियम के सेक्शम 208 के मुताबित प्रत्येक शख्स जिसकी अनुमानित टैक्स लायबिलिटी 10 हजार रूपए से अधिक है उसे एडवांस टैक्स भरना होगा हालांकि इस व्यवस्था से सीनियर सिटीजन यानि की ऐसा शख्स जिसकी उम्र 60 या उससे ज्यादा है वो एडवांस टैक्स के दायरे से बाहर है।
किस्तों में जमा किया जाता है एडवांस टैक्स
एडवांस टैक्स को किस्तों में जमा किया जाता है। जब तक आयकर विभाग नियमों में बदलाव न करे तो उस केस में मौजूदा वित्त वर्ष में 15 जून तक न्यूनतम 15 फीसद टैक्स अदा करना होता है। किसी भी तरह का कर जो 31 मार्च तक जमा किया जाएगा उसे एडवांस टैक्स माना जाएगा। यदि एडवांस टैक्स जमा करने की आखिरी तारीख पर बैंक बंद हो तो उस दशा में टैक्सपेयर्स को अगले दिन टैक्स जमा करा देना चाहिए।
एडवांस टैक्स के निर्धारण की प्रक्रिया
अगर आप को एडवांस टैक्स की गणना में किसी तरह की परेशानी आ रही है तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट (https://www.incometaxindia.gov.in/) पर पूरी जानकारी ले सकते हैं। एडवांस टैक्स की गणना के लिए आप नेट आयकर आय, सरचार्ज, एजुकेशन सेश, सेकंडरी और हायर सेकंडरी एजुकेशन सेश, टोटल टैक्स लायबिलिटी, रिलीफ, टीडीएस, टीसीएस या मैट के साथ निर्धारण के लिये दूसरी जानकारी आवाश्यक होती है। वेबसाइट पर दिए गए डिस्क्लेमर से यह बताया जाता है कि इसके जरिए टैक्सपेयर जानकारी ले सकता है कि उसका अनुमानित टैक्स कितना हो सकता है। लेकिन एडवांस टैक्स के सही निर्धारण के लिए नियमों का पालन जरूरी है।
आप किस तरह से जमा कर सकते हैं एडवांस टैक्स
- इनकम टैक्स रूल 1962 के नियम 125 के तहत कॉरपोरेट टैक्स पेयर या कंपनी किसी अधिकृत बैंक से इलेक्ट्रानिक पेमेंट मोड यानि इंटरनेट बैंकिंग फैसिलिटी के तहत एडवांस टैक्स अदा कर सकता है।
- कोई दूसरा टैक्सपेयर(व्यक्तिगत) इलेक्ट्रानिक या बैंक के चालान के जरिए टैक्स जमा कर सकता है।
एडवांस टैक्स लेट पेमेंट इंटरेस्ट और जुर्माना
- अगर किसी वजह से टैक्स की अदायगी 15 जून के बाद होती है एक प्रतिशत प्रति महीने के हिसाब से तीन महीने 15 सितंबर और 15 दिसंबर तक लगेगा। और यदि मार्च में अंतिम किस्त के भुगतान में देरी होती है तो एक महीने की पेनल्टी अदा करना होगा।
- यहां एक बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि अगर 15 जून से पहले एडवांस टैक्स 12 फीसद या पूरे वर्ष के लिए ज्यादा है तो इंटरेस्ट नहीं देना होगा। इसी तरह से 15 सितंबर से पहले एडवांस टैक्स 36 फीसद या पूरे टैक्स से ज्यादा है तो भी ब्याज नहीं देना होगा।
- इसी तरह से जिस क्वार्टर में कैपिटल असेट को बेचा जाता है तो उस तारीख से एडवांस टैक्स की गणना की जाती है।
सीबीडीटी का आदेश
गौरतलब है कि सीबीडीटी ने कराधान और अन्य कानूनों (कुछ प्रावधानों में ढील) अध्यादेश, 2020, दिनांक 31 मार्च, 2020 की 20 मार्च, 2020 से 29 जून, 2020 तक की अवधि के दौरान सभी संबंधित नियत तारीखों को 30 जून, 2020 तक बढ़ाया गया है। कर के भुगतान के संबंध में विस्तारित ड्यू तिथि का लाभ नहीं मिलेगा।