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- दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसएिशन ने चीनी नागरिकों को बहिष्कार करने का फैसला किया
- मथुरा वृंदावन होटल ओनर्स एसोसिएशन ने भी बहिष्कार करने का फैसला किया
- चीन के साथ जारी सीमा विवाद को लेकर होटल्स एसोसएिशन्स ने फैसला लिया
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मथुरा, वृंदावन के छोटे एवं किफायती दरों पर सेवा देने वाले होटलों, रेस्तराओं और गेस्ट हाउसों ने चीन के सामानों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच उसके (चीन के) नागरिकों को कमरा नहीं देने का भी फैसला किया है। तीन हजार छोटे होटलों और रेस्तराओं के संगठन ‘दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसएिशन’ और 125 होटलों का प्रतिनिधित्व करने वाले मथुरा वृंदावन होटल ओनर्स एसोसिएशन ने इसकी जानकारी दी है।
‘दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसएिशन’ ने छोटे व्यापारियों के संगठन कैट को पत्र लिखकर इसके बारे में सूचना दी है। समूह ने ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को पूरा समर्थन देने का निर्णय किया है। इसी तरह मथुरा वृंदावन होटल ओनर्स एसोसिएशन ने भी बताया कि उसके सदस्य होटलों और गेस्ट हाउस ने चीन के सामानों का बहिष्कार करने तथा चीन के लोगों को किराये पर कमरे नहीं देने का फैसला किया है।
दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स ऑनर्स एसोसएिशन के महासचिव महेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वे चीन के नागरिकों से कोई ‘बुकिंग’ नहीं लेंगे और न ही उन्हें कोई सेवा देंगे। साथ ही उन्होंने अपने-अपने होटल और रेस्तरां में चीन में बनी वस्तुओं के बहिष्कार का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि एसोसएिशन से करीब 3,000 होटल और रेस्त्रां जुड़े हैं। इन होटलों में 5 से 6 प्रतिशत ‘बुकिंग’ चीनी नागरिकों की होती है।
एसोसएिशन ने कैट को लिखे पत्र में कहा है कि हमने कैट के अभियान को समर्थन करने का निर्णय किया है। इसके तहत हमने अपने होटलों और रेस्त्रों में चीनी सामान के बहिष्कार का फैसला किया है। यानी हम कोई भी चीनी सामान का उपयोग नहीं करेंगे। इसके अलावा एसोसएिशन अन्य राज्यों में भी होटल संगठनों से संपर्क कर इस प्रकार का निर्णय लेने की अपील करेगा।
इस बीच, कैट ने कहा कि अपने अभियान में किसानों, परिवहन कंपनियों, छोटे उद्योगों, ग्राहकों, उद्यमियों आदि को जोड़ने की कोशिश करेगा और उनसे चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील करेगा। लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद कुछ तबकों में चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान जोर पकड़ रहा है।