नई दिल्ली : सरकार समेत आरबीआई डूब रहे लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) को उबारने में लगी हुई है ताकि ग्राहकों का पैसा डूबने से बच जाए। इस सिलसिले में रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त लक्ष्मी विलास बैंक के प्रशासक टी एन मनोहरन ने बुधवार (18 नवंबर) को कहा कि बैंक के पास जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने को लेकर पर्याप्त धन उपलब्ध है। हमारी शीर्ष प्राथमिकता लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वस्त करना है कि उनकी जमा राशि पूरी तहर से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस इंडिया के साथ विलय तेजी से पूरा होने की उम्मीद है। मनोहरन ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के पास 20,000 करोड़ रुपए का जमा धन है जबकि उसने 17,000 करोड़ रुपए लोन दे रखे हैं।
गौर हो कि सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिनों के लिए पाबंदियां लगा दी हैं और बैंक का कोई अकाउंट होल्डर ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपए तक की निकासी कर सकेगा। बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए आरबीआई की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
केनरा बैंक के पूर्व नन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन टीएन मनोहरन को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मीविलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है। आरबीआई ने मंगलवार को कहा था कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है। साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है।