- चीन की औसत प्रति व्यक्ति आय 30,000 युआन यानी 4,193 डॉलर है
- अब 60 करोड़ से अधिक लोग की मासिक औसत आय महज 1000 युआन यानी करीब 140 डॉलर ही है
- चीनी पीएम कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने लोगों की स्थिति खराब कर दी है
बीजिंग : चीन से शुरू होकर दुनिया में फैलने वाला कोरोना वायरस ना के केवल दुनिया की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया बल्कि चीन को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। इसकी वजह से 60 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे पहुंच गए हैं। जबकि पहले 50 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे थे। दुनिया से अपने देश की अंदरूनी बातें छिपाने वाला यह मुल्क अब मान लिया है कि हम गंभीर आर्थिक संकट में आ गए है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा कि उनके देश में महज 1000 युआन यानी करीब 140 डॉलर की मासिक आय वाले 60 करोड़ से अधिक गरीब लोग हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने इन लोगों की स्थिति और खराब कर दी है।
60 करोड़ की औसत मासिक आय सिर्फ 140 डॉलर
पीएम ली ने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि चीन की औसत प्रति व्यक्ति आय 30,000 युआन यानी 4,193 डॉलर है। हालांकि इनमें से 60 करोड़ से अधिक लोग ऐसे हैं जिनकी मासिक औसत आय महज 1000 युआन यानी करीब 140 डॉलर ही है। यह आय चीन के किसी शहर में एक कमरे के किराए के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
गरीबी को दूर करने के मुश्किल काम
ली ने कहा कि चीन अब पूरी तरह से गरीबी को दूर करने के मुश्किल काम की चुनौती से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के कारण कई परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
'गरीबी को समाप्त करने के लिए हम दृढ़'
ली ने कहा कि इस साल हम निर्धारित समय तक गरीबी को समाप्त करने के लिए दृढ़ हैं। यह एक ठोस प्रतिबद्धता है जो कॉमरेड शी चिनफिंग के साथ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति ने पूरे चीनी समाज के लिए जाहिर की है। ली ने कहा कि सरकार ने निर्वाह भत्ता और बेरोजगारी लाभ के कवरेज का विस्तार करने का फैसला किया है।
चीन में पहले 50 लाख लोग थे गरीबी रेखा से नीचे
कोरोना वायरस महामारी से पहले चीन में करीब 50 लाख लोग आधिकारिक गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहे थे। इस महामारी के असर से अब कई लोग वापस गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिए गए हैं।