- विमान कंपनियां अब अधिकतम 85 प्रतिशत का संचालन कर सकती हैं
- इस साल 12 अगस्त को घरेलू हवाई यात्रा महंगी हो गई थी
- किराये की निचली और ऊपरी सीमा में 9.83 से 12.82 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी
नई दिल्ली: कंपनी 16वें दिन से बिना किसी सीमा के शुल्क लेने के लिए स्वतंत्र होंगी, इस साल 12 अगस्त से लागू यह व्यवस्था फिलहाल 30 दिनों के लिए थी और विमानन कंपनियां 31वें दिन से बिना किसी सीमा के शुल्क ले रही थीं। उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने जारी एक नए आदेश में कहा, 'मान लीजिए आज तारीख 20 सितंबर है, तो किराया सीमा (Air Fare) चार अक्टूबर तक लागू रहेगी। इस तरह पांच अक्टूबर या उसके बाद किसी भी तारीख को यात्रा के लिए 20 सितंबर को की गई बुकिंग को किराये की सीमा द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाएगा।'
आदेश में कहा गया कि यदि अगले दिन, यानी 21 सितंबर को बुकिंग की जाती है, तो किराये की सीमा 5 अक्टूबर तक लागू होगी और छह अक्टूबर या उसके बाद की यात्रा के लिए किराये की सीमा लागू नहीं होगी।भारत ने कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद 25 मई, 2020 को उड़ान सेवाएं फिर शुरू होने पर विमान यात्रा की अवधि के आधार पर किराये की निचली और ऊपरी सीमा तय की थी।इस साल 12 अगस्त को घरेलू हवाई यात्रा महंगी हो गई थी। नागर विमानन मंत्रालय ने किराये की निचली और ऊपरी सीमा में 9.83 से 12.82 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
'घरेलू उड़ानों में से अधिकतम 85 प्रतिशत का संचालन कर सकती हैं'
नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि विमान कंपनियां अब 72.5 प्रतिशत के बजाय कोविड-19 पूर्व घरेलू उड़ानों में से अधिकतम 85 प्रतिशत का संचालन कर सकती हैं।मंत्रालय के आदेश के अनुसार, विमानन कंपनियां 12 अगस्त से कोविड-19 पूर्व की अपनी घरेलू उड़ानों में से 72.5 प्रतिशत का संचालन कर रही हैं। यह सीमा पांच जुलाई से 12 अगस्त के बीच 65 प्रतिशत थी। एक जून से पांच जुलाई के बीच यह सीमा 50 प्रतिशत थी।
'72.5 प्रतिशत क्षमता को 85 प्रतिशत क्षमता के रूप में पढ़ा जाए'
मंत्रालय ने एक नया आदेश जारी किया, जिसमें उसने 12 अगस्त के आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि '72.5 प्रतिशत क्षमता को 85 प्रतिशत क्षमता के रूप में पढ़ा जाए।' शनिवार के आदेश में यह भी कहा गया है कि यह सीमा 'अगले आदेश तक' लागू रहेगी।सरकार ने दो महीने के अंतराल के बाद पिछले साल 25 मई को निर्धारित घरेलू उड़ानों को फिर से शुरू किया था। उस वक्त मंत्रालय ने विमानन कंपनियों को कोविड-19 पूर्व की अपनी घरेलू सेवाओं के 33 प्रतिशत से अधिक के संचालन की अनुमति नहीं दी थी। दिसंबर तक धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया।
एक जून तक यह सीमा 80 प्रतिशत तक बनी रही। मंत्रालय ने कहा था कि देश भर में कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि, यात्रियों की संख्या में कमी के मद्देनजर 28 मई को एक जून से अधिकतम सीमा को 80 से 50 प्रतिशत तक लाने का निर्णय किया गया था।