Share market 18 August 2020 : रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बाजार के दिग्गज शेयरों में तेजी के साथ मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स में 478 अंक का उछाल आया। वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख तथा विदेशी कोषों के सतत प्रवाह से भी बाजार धारणा मजबूत हुई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 477.54 अंक या 1.26% की बढ़त के साथ 38,528.32 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 138.25 अंक या 1.23% की बढ़त के साथ 11,385.35 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स और निफ्टी दोनों का पिछले करीब पांच माह का सबसे ऊंचा बंद स्तर है।
सेंसेक्स की कंपनियों में अल्ट्राटेक सीमेंट का शेयर सबसे अधिक 3.34% चढ़ गया। कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैक और एशियन पेंट्स के शेयर भी लाभ में रहे। बाजार की बढ़त में अधिकांश योगदान रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक का रहा। वहीं दूसरी ओर टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज ऑटो और पावरग्रिड के शेयर 1.10% तक नीचे आ गए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि दिन में कारोबार के दौरान भारतीय बाजार मजबूत रहे, जबकि वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुख था। अमेरिका-चीन राजनीतिक तनाव तथा अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज को लेकर असमंजस से बाजार में बेचैनी है। नायर ने कहा कि भारत में निवेशक सरकार द्वारा लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए खर्च को लेकर आशान्वित हैं। मानसून की प्रगति तथा इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा होने की संभावना से भी धारणा मजबूत हुई है। अभी बाजार का यह रुख कायम रहने की उम्मीद है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 1.30% तक के लाभ में रहे। अमेरिका-चीन तनाव बढ़ने तथा अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज में देरी से वैश्विक बाजारों का रुख मिलाजुला रहा।
कारोबारियों ने कहा कि सेंसेक्स की बड़ी कंपनियों के शेयरों में लिवाली तथा विदेशी कोषों के सतत प्रवाह से बाजार धारणा को बल मिला। अमेरिकी प्रशासन ने सोमवार को कहा कि वह चीन की हुवावेई टेक्नोलॉजीज के खिलाफ अंकुशों को और सख्त करेगा। इससे उसकी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और प्रभावित होगी। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। वहीं जापान के निक्की और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई।
शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में थे। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.37% के नुकसान से 45.20 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 74.76 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।