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Health Insurance Tips : हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाने के कुछ शानदार तरीके

Updated Nov 18, 2020 | 10:57 IST

कोविड-19 महामारी के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व काफी बढ़ गया है। इसलिए, समय-समय पर हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज पर गौर करना जरूरी है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान

उम्र, बदलते लाइफस्टाइल, जिम्मेदारियां, और मेडिकल महंगाई इत्यादि के कारण हेल्थ इंश्योरेंस सम्बन्धी जरूरतें बदलती रहती हैं। इसलिए, समय-समय पर हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज पर गौर करना जरूरी है ताकि पता चल सके कि वह काफी है या नहीं। कई लोग, इतना जरूरी काम नहीं करते हैं। बढ़ते मेडिकल कॉस्ट के कारण, इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

आइए एक उदाहरण की मदद से पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के महत्व को समझें। मान लीजिए, आपने 25 साल की उम्र में 3 लाख रु. की एक हेल्थ पॉलिसी ली थी। आप 10 साल बाद अपने हेल्थ प्लान और अपने जीवन का आंकलन करने पर पाएंगे कि बहुत कुछ बदल गया है। आप ये भी महसूस होगा कि 35 साल की उम्र में अपने पिछले हेल्थ प्लान के साथ बने रहना, समझदारी नहीं है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। 10 साल बाद मेडिकल खर्च कई गुना बढ़ जाएगा। इसलिए, गुजरते समय के साथ अपने हेल्थ इंश्योरेंस कवर को बढ़ाना जरूरी है। इस आर्टिकल में, अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रोटेक्शन के दायरे को बढ़ाने के कई तरीके बताए गए हैं।

पर्याप्त रूप से कवर्ड रहने के लिए ज्यादा कवरेज लें

अपने मेडिकल कॉस्ट के अनुसार अपने कवरेज को पर्याप्त से बढ़ाने की कोशिश करें। गंभीर बीमारियों का सामना करने के लिए, उनके इलाज के खर्च के अनुसार अपना कवरेज बढ़ाना चाहिए जिसे एक एडिशनल पॉलिसी लेकर या एक टॉप-अप या सुपर टॉप-अप प्लान लेकर बढ़ाया जा सकता है जो आपकी मौजूदा पॉलिसी के ऊपर अलग से कवरेज दे सके। लेकिन यह जान लें कि पहले से मौजूद और कुछ अन्य बीमारियों पर, बढ़े हुए इंश्योरेंस अमाउंट का लाभ, पॉलिसी में उल्लिखित निर्धारित वेटिंग पीरियड समाप्त होने के बाद ही मिलता है।

जरूरी ऐड-ऑन्स लें

ऐड-ऑन्स, एडिशनल फीचर्स हैं जिन्हें आप बुनियादी हेल्थ पॉलिसी प्रीमियम के ऊपर अलग से एक्स्ट्रा प्रीमियम देकर अपनी हेल्थ पॉलिसी में शामिल कर सकते हैं। अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी और अलग-अलग पॉलिसी केटेगरी के आधार पर मार्केट में अलग-अलग प्रकार के ऐड-ऑन ऑप्शंस मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, मार्केट में मौजूद कुछ लोकप्रिय ऐड-ऑन्स, मैटरनिटी बेनिफिट, क्रिटिकल इलनेस, हॉस्पिटल कैश बेनिफिट, इत्यादि से संबंधित होते हैं। आपको अपनी हेल्थ पॉलिसी में ऐड-ऑन्स का चयन करने से पहले अपनी जरूरतों का आंकलन कर लेना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप एक बच्चे को जन्म देने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अभी आप मैटरनिटी बेनिफिट से संबंधित ऐड-ऑन्स ले सकते हैं क्योंकि वेटिंग पीरियड के बाद इससे आपको लाभ होगा। आप क्रिटिकल इलनेस सम्बन्धी ऐड-ऑन्स भी ले सकते हैं यदि आपको कैंसर, किडनी फेल्योर, जैसी बीमारियाँ होने का ज्यादा खतरा है।

टॉप-अप प्लान

यदि आपको लगता है कि आपकी मौजूदा पॉलिसी, कुछ ख़ास बीमारियों का खर्च उठाने के लिए काफी नहीं है तो एक टॉप-अप हेल्थ पॉलिसी लेने से आपका कवर बढ़ जाएगा। एक टॉप-अप पॉलिसी, आपको पॉलिसी दस्तावेज में उल्लिखित डिडक्टिबल लिमिट से ऊपर अलग से कवरेज देती है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 5 लाख रु. डिडक्टिबल के साथ 10 लाख रु. की एक टॉप-अप हेल्थ पॉलिसी ली है तो पॉलिसी पीरियड के दौरान अस्पताल में भर्ती होने पर और अस्पताल का बिल 10 लाख रु. होने पर आपको अपनी जेब से या अपनी बुनियादी हेल्थ पॉलिसी से 5 लाख रु. देने पड़ेंगे और बाकी 5 लाख रु. का पेमेंट, टॉप-अप हेल्थ पॉलिसी से होगा। टॉप-अप हेल्थ पॉलिसी की लागत आम तौर पर रेगुलर हेल्थ पॉलिसी से कम होती है। यह सिर्फ तभी कवरेज देती है जब अस्पताल का बिल, डिडक्टिबल लिमिट से ऊपर होता है।

सुपर टॉप-अप लें

यदि पॉलिसी वर्ष के दौरान आपके सभी हॉस्पिटलाइजेशन बिल्स, टॉप-अप पॉलिसी में उल्लिखित डिडक्टिबल अमाउंट से अधिक हैं तो डिडक्टिबल अमाउंट से ऊपर अतिरिक्त अमाउंट का पेमेंट, इंश्योरेंस अमाउंट लिमिट के आधार पर सुपर टॉप-अप पॉलिसी द्वारा किया जाएगा। एक टॉप-अप पॉलिसी में, कवरेज तभी शुरू होता है जब हॉस्पिटलाइजेशन बिल, हर हॉस्पिटलाइजेशन में डिडक्टिबल अमाउंट से अधिक होता है। दूसरी तरफ, एक सुपर टॉप-अप पॉलिसी में, यदि सभी हॉस्पिटलाइजेशन बिल्स, पॉलिसी वर्ष के दौरान डिडक्टिबल अमाउंट से अधिक हो जाते हैं तो आप डिडक्टिबल अमाउंट के ऊपर अमाउंट के लिए क्लेम कर सकते हैं।

अंत में

कोविड-19 वैश्विक-महामारी शायद जल्दी जाने वाली नहीं है और आपकी बुनियादी हेल्थ पॉलिसी, आपके हॉस्पिटलाइजेशन बिल में कई खर्चों को कवर करने से इनकार कर सकती है। इसलिए, कोविड-सम्बन्धी हॉस्पिटलाइजेशन से फुल प्रोटेक्शन के लिए, आप एक कोविड-स्पेसिफिक हेल्थ प्लान ले सकते हैं जो दो तरह के होते हैं: कोरोना रक्षक और कोरोना कवच। कोरोना रक्षक, एक लाभ पॉलिसी, और कवच, एक क्षतिपूर्ति पॉलिसी है।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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