- पीएम मोदी ने हाल ही में कोविड-19 से लड़ने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की
- नित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज के अलग-अलग क्षेत्रों में इस्तेमाल के लिए इसकी कई किस्तें जारी की
- तीसरी किस्त में वित्त मंत्री सीतारमण ने पीएम मत्स्य संपदा योजना के बारे में भी बात की
Covid-19 महामारी के इस दौर में देश में कई प्रकार के छोटे और मंझोले उद्योग व व्यापार की हालत खराब हो गई है। इन्हीं उद्योगों को वापस से पटरी पर लाने के लिए और देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा में ले जाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश के नाम अपने संबोधन में इस महामारी से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की।
इस आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी कई किस्तें जारी करते हुए अलग-अलग प्रकार की योजनाओं के बारे में बताया। कार्पोरेट से लेकर पशुपालन तक के क्षेत्र में आर्थिक पैकेज के इस्तेमाल की घोषणा की गई। इसी में मत्स्य पालन उद्योग के लिए भी बड़ी धनराशि की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने इसके अंतर्गत मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का ऐलान किया।
क्या है PM मत्स्य संपदा योजना
मत्स्य पालन को वापस से पटरी पर लाने और मछुआरों की मदद के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 20 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की गई। इस मत्स्य संपदा योजना से करीब 55 लाख लोग लाभान्वित होंगे। इसका अर्थ है इस योजना के अंतर्गत 55 लाख लोगों को रोजगार की प्राप्ति होगी। इस योजना से जलीय क्षेत्र और जलीय क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे ना सिर्फ मछुआरों को मदद मिलेगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान होगा। इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य मछली पालन को अधिक प्रोत्साहन देना और मछली के उत्पान में बढ़ोत्तरी। इसके अलावा इस योजना के तहत मछुआरों को लोन प्राप्त करने की सुविधा दी जाएगी जिससे वे अपने जरूरत के उपकरण बिना परेशानी के खरीद सकें और उनका उद्योग सुचारु रुप से चल सके।
किन्हें मिलेगा इसका लाभ
केवल मछली पालन ही नहीं जलीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार के उद्योग व खेती करने वाले इसके लाभार्थी होंगे। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो जलीय क्षेत्र मत्स्य पालन के अलावा कुछ जलीय खेती का भी काम करते हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। जो कोई प्राकृतिक आपदा से पीड़ित हो गया है और उसे अपने उद्योग में काफी नुकसान सहना पड़ा है उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। लाभार्थिों को इसके लाभ के साथ-साथ उचित बीमा कवरेज की भी मदद दी जाएगी जिससे यदि उन्हें किसी प्राकृतिक आपदा में नुकसान उठाना पड़ा हो तो इससे थोड़ी बहुत राहत मिल सके। इस योजना के तहत साल 2020 के अंत तक 15 मिलियन टन के मछली उत्पादन का लक्ष्य बनाया गया है।
कैसे मिलेगा PMMSY का लाभ
आपको बता दें कि इस योजना की घोषणा किए हुए केंद्र सरकार को अभी महीना भी नहीं हुआ है, इसलिए अभी इस योजना को धरातल पर लाने में थोड़ा समय लगेगा। फिलहाल के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने की कोई आधिकारिक वेबसाइट शुरू नहीं की गई है। हालांकि जल्द ही भारत सरकार इस योजना को लेकर एक सरकारी पोर्टल लॉन्च कर सकती है जिसके माध्यम से लाभार्थी इस पर अपना आवेदन डाल सकते हैं।