- लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेस स्कीम को महत्व देना चाहिए
- यह पॉलिसी वित्तीय और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करता है
- लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी न सिर्फ हेल्थ की चिंताओं से मुक्ति दिलाता है बल्कि टैक्स बचत में भी सहायता पहुंचाता है
भारत में अधिकांश लोग खुद का या अपने परिवार का इंश्योरेंस करवाने से बचते हैं। उन्हें लगता है कि यह खर्च फालतू है। अनावश्यक है। उन्हें ऐसा लगता है वे फिट हैं उन्हें कुछ नहीं हो सकता है। कुछ लोगों को लगता है कि हेल्थ को लेकर चिंतित होने की भी उम्र होती है। 50-55 साल से अधिक उम्र होने के बाद ही हेल्थ के प्रति सचेत होने की जरूरत होनी चाहिए। यह वजह है कि लोग हेल्थ पॉलिसी नहीं खरीदते हैं। खास करके ग्रामीण भारत में तो इसके प्रति लापरवाही बहुत अधिक है। लेकिन रिसर्च से पता चलता है कि कम उम्र के लोग भी गंभीर बीमारी शिकार हो रहे हैं। एक रिसर्च में पता चला कि 15 से 20 प्रतिशत लोगों की 25 से 35 की उम्र में ही हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस अवश्य खरीदना चाहिए। ताकि आप अपने हेल्थ की बराबर जांच कराते रहें। और अगर कोई घटना घट जाती है तो आपको फाइनेंशियल हेल्प भी मिलती है।
कोरोना वायरस जैसी महामारी को देखते हुए लोगों को लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेस स्कीम को महत्व देना चाहिए। जीवन में जितन जल्द हो सके इश्योरेंस स्कीम खरीद लें। इससे आप हेल्थ के प्रति निश्चिंत रहेंगे। इतना ही नहीं यह वित्तीय और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करता है। अब सवाल यह है कि आपको लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर विचार क्यों करना चाहिए?
पहले से मौजूद बीमारी भी हो सकता है कवर
पहले से मौजूद बीमारी या पहले से मौजूद स्थिति आपके हेल्थ इंश्योरेंस का एक महत्वपूर्ण कारक है। यह मूल रूप से उन बीमारियों को संदर्भित करता है जो आप उस समय से पीड़ित थे जब आपने अपनी पॉलिसी खरीदी थी। कुछ बीमा कंपनियां आपको अपनी लॉन्ग टर्म इंशंयोरेंस स्कीम में PED के विकल्प देती हैं और कोई भी इसके नियमों और शर्तों के अनुसार फैसला ले सकता है।
बढ़ी उम्र और माता-पिता के लिए बेहतर
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हमें अधिक मेडिकल और डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होती है। अस्पताल में भर्ती होने, दैनिक देखभाल, कमरे का किराया एम्बुलेंस और दवाओं जैसे खर्चों का हमें बड़ा बिल मिल सकता है। इस तरह बार-बार इलाज किसी के लिए वित्तीय बोझ बन सकते हैं। चाहे आपके खुद के लिए, बच्चों या माता-पिता के हेल्थ की बात हो लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस स्कीम को चुनना हमेशा बेहतर होता है।
रिन्युअल की झंझट से मुक्ति
लॉन्ग टर्म पॉलिसी लेने से आपको कुछ सालों तक यानी 3 से 4 वर्षों तक हेल्थ पर खर्च के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। एक बार जब आप लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेंस करवा लेते हैं तो अगले दो तीन वर्षों तक रिन्युअल कराना की जरूरत नहीं होती है। समय सीमा या जटिल कागजी कार्रवाई को याद करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। लंबी अवधि के लिए यह अस्पताल की फीस से राहत दिलाता है और व्यक्ति आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकता है।
टैक्स बचत में फायदा
लॉन्ग टर्म हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी न सिर्फ हेल्थ की चिंताओं से मुक्ति दिलाता है बल्कि टैक्स बचत में भी सहायता पहुंचाता है। आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के अनुसार, आपको अपने द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। अगर आप अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो आपको 50,000 रुपए तक की टैक्स छूट मिल सकता है। ये सबसे सुविधाजनक विकल्प हैं। जिसके जरिए आप बहुत सारे टैक्स बचा सकते हैं।
प्रीमियम में छूट
लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का सबसे बड़ा फायदा कम प्रीमियम रेट पर यह मिलता है। शॉट टर्म हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम्स की तुलना में लॉन्ग टर्म स्कीम्स में प्रीमियम में छूट मिलने की संभवाना होती है।