- रिजर्व बैंक ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय की है
- बैंक ग्राहक अपने पैसे को लेकर परेशान हैं कि वो सुरक्षित है या नहीं
- बैंक के मुख्यालय, उसकी शाखाओं और एटीएम पर सुरक्षा भी बढ़ा गई है
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खाताधारकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है
मुंबई: येस बैंक (Yes Bank) का बोर्ड भंग किए जाने के बाद ग्राहकों में भारी चिंता देखी जा रही है और बैंक ग्राहक अपने पैसे को लेकर परेशान हैं कि उनकी गाढ़ी कमाई का क्या होगा ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा (withdrawal limit) तय कर दी गई है। ऐसे हालात में अब ग्राहकों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके जमा पैसे का क्या होगा।
RBI ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया हैं भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है। रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय करने के बाद बैंक की विभिन्न शाखाओं में परेशान ग्राहकों के फोन आते रहे और शाखाओं में लंबी कतारें देखी गईं।
वहीं परेशान ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला, इसके अलावा बैंक के कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच तीखी बहस होने की घटनाएं भी सामने आई हैं। रिजर्व बैंक ने येस बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय की है। यह व्यवस्था 30 दिन के लिए की गई है।
एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले और मुंबई के उपनगरीय इलाके मुलुंड की एक शाखा में धन निकालने के लिए पंक्ति में खड़े एक व्यक्ति ने कहा, 'यस बैंक में मेरा वेतन खाता है। मैं अपने एचआर को आज ही अपने दूसरे बैंक खाते का ब्यौरा देने जा रहा हूं, ताकि मेरा पैसा न फंसे।'
बैंक की ब्रांचों और ATM पर बढ़ाई सिक्योरिटी
बैंक के मुख्यालय, उसकी शाखाओं और एटीएम पर सुरक्षा भी बढ़ा गई है। बैंक का परिचालन बाधित होने से उद्यमी और छोटे कारोबारी भी प्रभावित हुए हैं। इस दौरान निजी क्षेत्र के येस बैंक के ग्राहकों ने शिकायत की कि नेट बैंकिंग काम नहीं कर रही है, और कई लोगों ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपना गुस्सा निकाला कि वे अपनी धनराशि नहीं निकाल पा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 'कनेक्शन एरर' के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए।
एक ग्राहक ने ट्विटर पर लिखा कि वह अपना बचत खाता बंद करना चाहता है, लेकिन 'मैं ऐसा ऑनलाइन कैसे कर सकता हूं।' इसके जवाब में यस बैंक ने ट्वीट किया, 'हम नेट बैंकिंग में लगातार दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि कुछ समय बाद कोशिश करें।' बैंक ने अपने टोलफ्री नंबर को भी 18002000 से बदलकर 18001200 कर दिया।
हालांकि, ऐसा लगता है कि रिजर्व बैंक के बुधवार के आदेश से पहले तीन-चार मार्च से ही ग्राहक परेशानी का सामना करने लगे थे और उसी समय से बड़ी संख्या में ग्राहक ट्विटर पर बैंकिंग संबंधी समस्याओं की शिकायत कर रहे थे।
वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि यस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नजर साल 2017 से ही थी, जो लगातार उसकी समीक्षा कर रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक ग्राहकों को दिलाया भरोसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने येस बैंक के खाताधारकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है और यह नहीं डूबेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे मामले पर रिजर्व बैंक की नजर है, जो तेजी से इसके समाधान करने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद भी इसे लेकर आरबीआई के साथ लगातार संपर्क में हैं। आरबीआई ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं येस बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिलाना चाहती हूं कि हर जमाकर्ता का धन सुरक्षित है।'
'Yes Bank के कर्मियों की नौकरी 1 साल तक सुरक्षित'
आरबीआई द्वारा घाटे में चल रहे येस बैंक के बोर्ड को भंग किए जाने से उपजी चिंताओं को लेकर उन्होंने कहा, 'यह कदम जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में उठाया है। सरकार लगातार आरबीआई के संपर्क में है और उसने भरोसा दिलाया है कि किसी भी जमाकर्ता को कोई नुकसान नहीं होगा।