- 3 मार्चः क्रिकेट इतिहास का काला दिन
- लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुआ था आतंकी हमला
- चोटिल हुए थे कई खिलाड़ी, सुरक्षाकर्मियों ने गंवा दी थी जान
आज का दिन क्रिकेट इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। इस दिन कुछ ऐसा हुआ था जिसे भुला पाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम 2009 में पाकिस्तान के दौरे पर गई हुई थी और वहां लाहौर में जब उनकी टीम बस से सफर कर रही थी, तब आतंकवादियों ने हमला कर दिया। हमला जानलेवा था, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख डाला था और पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर विराम लग गया।
मेहमान श्रीलंकाई टीम लाहौर में स्टेडियम मैच खेलने जा रही थी। तभी स्टेडियम के करीब एक गोल चौराहे पर आतंकवादियों ने खुलेआम गोलियां चला दी थीं। आतंकी दो गाड़ियों से आए थे और गाड़ी रिवर्स करके एक-एक करके उतरे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इन आतंकियों ने रॉकेट और हैंड ग्रेनेड से भी हमले का प्रयास किया लेकिन असफल रहे।
कैसे बचे थे खिलाड़ी?
सभी खिलाड़ी सीटों के नीचे झुक गए। गोलियां बस के लोहे को छेद रही थीं और शीशे टूट रहे थे। गनीमत रही कि सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग करते हुए बस को स्टेडियम के अंदर पहुंचाया। कुछ खिलाड़ियों को चोटें आई थीं, हमला इतना भयानक था कि खिलाड़ियों की जानें भी जा सकती थी। हमले में आतंकी भी मारे गए और कई सुरक्षाकर्मियों ने भी अपनी जान गंवा दी। उस दिन हुई घटना के तुरंत बाद मैच को रद्द करने का ऐलान कर दिया गया।
कौन से खिलाड़ी घायल हुए
रिपोर्ट के मुताबिक बस पर 35 गोलियों के निशान मिले। कई गोलियां अंदर तक पहुंच गई थीं। एक गोली महेला जयवर्धने के टखने को छूते हुए निकल गई थी। कुमार संगकारा के कंधे पर एक छर्रा लगा जबकि सबसे घातक चोट थरंगा परनाविथाना के लगी जिनके सीने में चोट लगी थी। थिलन समरवीरा के भी पांव में गोली लगी।
रद्द हुआ दौरा, स्टेडियम में वापसी के लिए उतरा हेलीकॉप्टर
हमला पूरी दुनिया में हेडलाइन बन चुका था। हर ओर इसी की चर्चा थी। कोच ट्रेवर बेलिस की अगुवाई में खेलने गई श्रीलंकाई क्रिकेट टीम ने तुरंत घर वापस लौटने का फैसला किया। मैदान पर सेना का हेलीकॉप्टर उतारा गया और खिलाड़ियों ने वहीं से उड़ान भरी और श्रीलंका के लिए रवाना हुए। उस दिन के बाद दुनिया की तमाम टीमें व खिलाड़ी इतना थर्रा गए कि सालों तक किसी टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया।
अस्पताल में चोटिल रंगा परनाविताना- AP
पिछले एक-दो सालों में धीरे-धीरे कुछ टीमों ने पाकिस्तान में खेलने की हिम्मत जुटाई है लेकिन उसके बाद भी उन टीमों के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने जाने से मना कर दिया। जब श्रीलंकाई टीम ने दोबारा पाकिस्तान का दौरा किया तब उसके सभी दिग्गज खिलाड़ियों ने नाम वापस ले लिया था।