- लॉकडाउन में ढील देने के बाद अब ब्रिटिश सरकार का एक और फैसला
- पेशेवर खेलों को खाली मैदानों पर कराने की दी गई छूट
- खुश हुआ फैसले के इंतजार में बैठा इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड, क्या ऐसे हालातों में क्रिकेट की बहाली सही?
लंदन: ब्रिटिश सरकार ने जिस जल्दबाजी में लॉकडाउन पूरी तरह से खोल दिया, उसके बाद काफी आलोचनाएं हुईं। जबकि अब सरकार ने दर्शकों के बिना पेशेवर खेलों को शुरू करने की इजाजत भी दे दी है। इस घोषणा के बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भी ब्रिटेन की सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इसका मतलब साफ है कि अगले महीने से इंग्लैंड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी भी कर सकेगा लेकिन सवाल यही है कि क्या ये फैसला जनता व खिलाड़ियों के हित में होगा?
कोरोना वायरस महामारी का फैलाव रोकने के लिये जारी ताजा स्वास्थ्य और सुरक्षा दिशा निर्देशों में खेल, मीडिया और संस्कृति मंत्री ओलिवर डाउडेन ने शनिवार को एक जून से दर्शकों के बिना प्रतिस्पर्धी खेलों की बहाली की अनुमति दे दी। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान में कहा, ‘हम इस फैसले से काफी खुश है। इससे दर्शकों के बिना पेशेवर और घरेलू क्रिकेट बहाल हो सकेगा। खिलाड़ी फिर अपने क्लबों के लिये खेल सकेंगे।’ गौरतलब है कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को काफी आर्थिक नुकसान हो चुका है इसलिए अब वो जल्द से जल्द इसकी भरपाई करना चाहता है।
दिशा निर्देशों का अध्ययन होगा
इस बयान में कहा गया कि, ‘आने वाले सप्ताह में हम इन दिशा निर्देशों का अध्ययन करेंगे ताकि खेल बहाल करने को राजी क्रिकेट क्लबों की मदद कर सकें।’ बोर्ड को आठ जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज की मेजबानी करनी है। घरेलू क्रिकेट सत्र हालांकि बोर्ड ने एक अगस्त तक टाल दिया था।
खिलाड़ी अभ्यास के लिए उतर चुके हैं, संक्रमण जारी है
गौरतलब है कि इंग्लैंड में क्रिकेट खिलाड़ियों को कुछ समय पहले ही मैदानों में अभ्यास करने की इजाजत दे दी गई थी। स्टुअर्ट ब्रॉड से लेकर जेम्स एंडरसन तक, कई खिलाड़ियों ने मैदानों पर उतरकर अलग-अलग शहरों में अभ्यास किया। इस दौरान ये भी नियम रखा गया कि खिलाड़ी अपनी गेंदें, बैट या अन्य क्रिकेट का सामान खुद लेकर आएंगे और कोई किसी दूसरे का सामान नहीं इस्तेमाल करेगा। यहां चिंता की बात सिर्फ इतनी है कि इंग्लैंड में कोरोना संक्रमण के मामले अभी थमे नहीं हैं।