- भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट खेला जा रहा है
- यह टेस्ट मैच चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में हो रहा है
- पिच को लेकर कई पूर्व क्रिकेटर्स ने सवाल खड़े किए हैं
चेन्नई: टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले भारतीय हरफनमौला अक्षर पटेल ने स्पिनरों के लिए फायदेमंद पिचों की आलोचना को गलत करार देते हुए कहा कि जब विदेशों में हमें घसियाली पिच पर खेलना होता है तो हम कभी भी इसका शिकायत नहीं करते है और ऐसे में मानसिकता में बदलाव करने की जरूरत है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकन वान ने दूसरे टेस्ट के दौरान चेपॉक की पिच को ‘कम तैयार’ करार दिया था लेकिन भारत ने दोनों पारियों में लगभग 180 ओवर की बल्लेबाजी की और इस दौरान दो बल्लेबाजों ने शतक तथा तीन ने अर्धशतक लगाया है ।
'मुझे नहीं लगता किसी को समस्या होनी चाहिए'
अक्षर ने कहा, 'अगर आप पिच के बारे में बात कर रहे हैं, तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी गेंद हेलमेट से टकराई है। गेंद सामान्य तरीके से स्पिन हो रही है। हम (दोनों टीमें) एक ही पिच पर खेल रहे हैं और रन बना रहे हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि किसी को भी कोई समस्या होनी चाहिए।' अपना 50वां अंतरराष्ट्रीय (टेस्ट, टी20 अंतरराष्ट्रीय और एकदिवसीय) मैच खेल रहे गुजरात के 27 साल के बायें हाथ के इस स्पिनर ने चेपॉक मैदान की पिच को खराब बताने पर इंग्लैंड की मीडिया और कमेंटेटरों पर कटाक्ष किया।
'विदेश जाते हैं तो हम ऐसी शिकायत नहीं करते'
उन्होंने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, 'जब हम विदेश जाते हैं, तो हमने कभी भी तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर खेलते हुए ऐसी शिकायत नहीं की, कि पिच पर घास अधिक है। मुझे लगता है कि लोगों को विकेट के बारे में सोचने के बजाय अपनी मानसिकता को बदलना होगा।' अक्षर ने कहा कि इस पिच पर सफलता के लिए गेंद को पिच पर जोर से टप्पा खिलाना होगा। उन्होंने कहा, 'इस पिच से स्पिनरों को मदद मिल रही है, ऐसे में आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। जब आप गेंद को पिच पर थोड़ा जो लगाकर टप्पा दिलाते है तभी आपको टर्न मिलता है।'
'खेलते वक्त बाहरी दुनिया पर ज्यादा ध्यान नहीं होता'
अक्षर से जब पूछा गया कि क्या भारतीय टीम की बल्लेबाजी पिच की आलोचना करने वालों को जवाब है?, तो उन्होंने कहा, 'जब हम खेलते हैं, तो बाहरी दुनिया पर ज्यादा ध्यान नहीं होता है। हम एक संदेश देना चाहते हैं। हमने सामान्य क्रिकेट खेला। अगर यह चौथा दिन होता, तो हम पारी घोषित करने के बारे में सोचते लेकिन यह तीसरा दिन था और हमारे पास पर्याप्त समय था। हमें लगा कि देर तक बल्लेबाजी करनी चाहिए।'