- फाफ डु प्लेसिस टी20 लीग के बढ़ने पर चिंतित हैं
- उन्हें ये इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए खतरा लगती हैं
- डु प्लेसिस दक्षिण अफ्रीका के कप्तान रह चुके हैं
तीन महीने पहले कोरोना मामलों के चलते स्थगित कर दी गई पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) का छठा सीजन 9 जून से दोबारा शुरू होने जा रहा है। आईपीएल 2021 खेलने वाले कई खिलाड़ी पीएसएल में नजर आएंगे, जिनमें से एक दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस भी हैं। वह पेशावर जल्मी का हिस्सा हैं। डु प्लेसिस ने टूर्नामेंट के आगाज से पहले बेहद दुनिया भर की टी20 लीग और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को लेकर अहम बात कही है। उनका कहना है कि टी20 लीग का बड़े पैमाने पर खेला जाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए गंभीर खतरा है।
'अब साल में चार, पांच, छह, सात लीग हो रही हैं'
डु प्लेसिस ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'टी20 लीग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए खतरा हैं। साल दर साल लीग की ताकत बढ़ रही है और बेशक शुरुआत में भले ही दुनिया भर में सिर्फ दो लीग थी और अब साल में चार, पांच, छह, सात लीग हो रही हैं। लीग मजबूत होती जा रही हैं।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में आप यह देखने का प्रयास करें कि दोनों का अस्तित्व एक साथ कैसे संभव हो क्योंकि भविष्य में यह विकल्प हो सकता है और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को असली खतरा होगा।'
'10 साल में क्रिकेट फुटबॉल की तरह हो जाएगा'
डु प्लेसिस का मानना है कि क्रिकेट का संचालन करने वाले लोगों सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए वरना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट घरेलू लीग से पिछड़ जाएगा। ऐसा फुटबॉल के साथ हुआ है। उन्होंने कहा, 'यह एक बड़ी चुनौती है। हो सकता है कि आने वाले 10 साल में क्रिकेट लगभग फुटबॉल की तरह हो जाए, जहां आपके पास अपने वर्ल्ड इवेंट्स हों और उसी दौरान बीच में दुनिया भर में खिलाड़ी लीग में खेलते नजर आएं।'
'फ्रीलांस क्रिकेटर बनने पर राष्ट्रीय टीम को नुकसान'
क्रिस गेल और ड्वेन ब्रावो जैसे वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए डु प्लेसिस ने कहा कि कई मौजूदा खिलाड़ी आगे जाकर फ्रीलांस क्रिकेटर बनने का विकल्प चुन सकते हैं, जो उनकी राष्ट्रीय टीमों के लिए एक बड़ा नुकसान होगा। पूर्व कप्तान ने कहा कि वेस्टइंडीज शायद पहली टीम है, जिसने ऐसा करना शुरू किया। उनके कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टीम से टी 20 घरेलू सर्किट में चले गए। वेस्टइंडीज टीम ने अपने कई प्रमुख खिलाड़ियों को खो दिया। यह दक्षिण अफ्रीका के साथ भी शुरू हो रहा है।