- विराट कोहली अब किसी फॉर्मेट में कप्तान नहीं हैं
- उन्होंने इसी महीने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ी
- कोहली को लेकर शास्त्री ने बड़ी बात कही है
विराट कोहली ने इस महीने की शुरुआत में टेस्ट टीम की कप्तानी से इस्तीफा देकर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। वह 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे। कोहली का सीमित ओवर फॉर्मेट में भी कप्तानी का रिकॉर्ड का शानदार है। हालांकि, कोहली के कार्यकाल के दौरान टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी। कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम कई बार खिताब जीतने के बाद नजदीक पहुंची लेकिन बाजी हाथ से फिसल गई। उनकी अगुवाई में टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल, विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
वहीं, कोहली के कार्यकाल के समय टीम इंडिया के हेड कोच रहे रवि शास्त्री का कहना है कि एक कप्तान का आकलन इस आधार पर नहीं होना चाहिए कि उसकी नेतृत्व में टीम कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी। बता दें कि पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो गया था। शास्त्री ने पीटीआई के साथ बाचतीत में कहा, 'कई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता। इससे क्या हुआ। सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे।'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं। सचिन तेंदुलकर ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता। आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है। आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला।' कप्तानी को लेकर बीसीसीआई और कोहली के बीच अनबन पर शास्त्री कहा, 'संवाद महत्वपूर्ण है। मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या बात हुई । मैं उसका हिस्सा नहीं था । दोनों पक्षों से बात किये बिना मैं कुछ नहीं कह सकता । सूचना के अभाव में मुंह बंद रखना ही अच्छा होता है।'
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इसके अलावा शास्त्री ने कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने पर कहा कि यह व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने कहा, ;यह उनका फैसला है। उनके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए हर चीज का एक समय होता है। अतीत में भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ी है। चाहे सचिन तेंदुलकर हों, सुनील गावस्कर या एम एस धोनी और अब विराट कोहली।’