- रिषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया
- उन्होंने चौथे टेस्ट में भारत के लिए शतकीय पारी खेली
- उनकी पारी के दम पर भारतीय टीम संकट से निकली
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में शतक जड़कर लगातार चर्चा में बने हुए हैं। उनकी 118 गेंदों में 101 की पारी की दिग्गज बल्लेबाज और क्रिकेट विशेषज्ञ जमकर तारीफ कर रहे हैं। पंत द्वारा 13 चौकों और 2 छक्कों की मदद से खेली गई इस पारी की बदौलत भारतीय टीम मैच जीतने और सीरीज पर 3-1 से कब्जा करने में सफल रही। बाएं हाथ से खेलने वाले पंत ने यह शतक उस वक्त जड़ा जब भारत 146 के स्कोर पर 6 विकेट गंवाकर जूझ रहा था। पंत ने न सिर्फ भारत को मुश्किल से निकाला बल्कि अंग्रेज गेंदबाजों के हौसले भी पस्त कर दिए।
'लंबे समय के बाद मैंने ऐसा खिलाड़ी देखा'
रिषभ पंत की प्रशांस करने वालों की लिस्ट में अब पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक का नाम भी जुड़ गया है। इंजमाम का कहना है कि पंत और पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बीच कई समानताएं हैं। इंजमाम ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो में कहा, 'रिषभ पंत बेहद शानदार हैं। एक लंबे समय के बाद मैंने ऐसे खिलाड़ी को देखा है, जिस पर दबाव का कोई असर नहीं पड़ता। भले ही 146 पर छह विकेट गिर गए हों, लेकिन जिस तरह से पंत अपनी पारी की शुरुआत करते हैं, वैसे कोई भी नहीं करता।'
इंजमाम ने कहा, 'वह अपने स्ट्रोक बखूब खेलते हैं। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि पिच कैसे ही या सामने वाली टीम ने कितने स्कोर खड़ा किया है। वह स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों के खिलाफ बेहतरीन खेलते हैं। मुझे उसे खेलते गुए देख अच्छा लगा। ऐसा लगा कि जैसे में वीरेंद्र सहवाग को बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हुए देख रहा हूं।'
'स्ट्रोक्स के अलावा कुछ मायने नहीं रखता'
इंजमाम ने आगे कहा, 'मैंने सहवाग के साथ खेला है और वह भी अन्य चीजों से परेशान होते थे। जब वह बल्लेबाजी करते थे तो उनके लिए यह मायने नहीं रखता था कि पिच कैसा व्यवहार करती है या प्रतिद्वंद्वी का किस तरह का गेंदबाजी आक्रमण है। उन्हें बस अपने स्ट्रोक खेलने होते थे, चाहे फील्डिर बाउंड्री पर ही क्यों न हों। सहवाग के बाद मैंने पहली बार ऐसे खिलाड़ी को देखा है, जिसके लिए अपने स्ट्रोक्स के अलावा कुछ मायने नहीं रखता।'
पूर्व कप्तान ने कहा, 'मैंने गौर किया है कि पंत न केवल भारत में शानदार बल्लेबाजी कर रहे बल्कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा ही किया। उन्हें वहां शतक बनाने का मौका नहीं मिला क्योंकि वह अपनी गति से खेल रहे थे। लंबे समय के बाद मैंने ऐसे खिलाड़ी को देखा है। भारत के पास सचिन, द्रविड़ थे ... अब उनके पास विराट और रोहित हैं। लेकिन जिस तरह से पंत खेलते हैं, वो शानदार है। उनके पास जिस तरह का आत्मविश्वास पास है, वो चौंकाता है।'