नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बांग्लादेश के टी20 और टेस्ट कप्तान शाकिब अल हसन पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगाया है। 32 साल के शाकिब पर बैन भ्रष्ट पेशकश की जानकारी आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई को नहीं देने के लिए लगा है। शाकिब पर एक साल का पूर्ण प्रतिबंध और 12 महीने की अवधि का निलंबित प्रतिबंध लगा है। इस निलंबित प्रतिबंध की वजह से शाकिब अगले 12 महीने बाद ही क्रिकेट में वापसी करने के योग्य हो जाएंगे। हालांकि, बांग्लादेश के पूर्व कप्तान और राष्ट्रीय चयनकर्ता हबीबुल बशर को लगता है कि शाकिब की क्रिकेट में वापसी आसानी नहीं होगी। इस समय दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर शाकिब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 11 हजार से अधिक रन और पांच सौ से अधिक विकेट हासिल कर चुके हैं।
शाकिब के शुरुआती कप्तानों में से एक बशर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'यह मुश्किल होगा। शाकिब एक साल के लिए क्रिकेट से दूर हो गया है, जो उसके लिए मानसिक रूप से कड़ा होगा। एक साल के बाद, पहले वापसी करना और फिर प्रतिबंध से पहले की ऊंचाइयों को छूना आसान नहीं होगा लेकिन यह असंभव भी नहीं है।' बांग्लादेश की तरफ से 50 टेस्ट और 111 वनडे मैच खेलने वाले बशर ने कहा, 'क्योंकि खिलाड़ी का नाम शाकिब है, मुझे उसकी क्षमता और प्रतिभा पर भरोसा है। उसे ऐसी चोटों का सामना करना पड़ा है जिससे वह तीन से छह महीने के लिए बाहर रहा।'
बांग्लादेश के पूर्व कप्तान ने कहा, 'मैंने उसे रिहैबिलिटेशन से वापसी करते हुए देखा है और इसके बाद वह काफी जल्दी लय में आ गया। वह अनुभवी खिलाड़ी है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि वह दोबारा ऐसा नहीं कर सकता।' बशर ने कहा, 'यह मेरे लिए स्तब्ध करने वाला था। लेकिन मेरे लिए यह तथ्य राहत देने वाला है कि शाकिब को लंबे समय से जानने के कारण मुझे पता है कि वह कभी किसी भ्रष्ट काम में शामिल नहीं होगा। जहां तक मेरा सवाल है तो यह बड़ी राहत की बात है कि आईसीसी के उसे भ्रष्टाचार के आरोपों में सजा नहीं दी है।' उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन हां, मैं साथ ही हैरान हूं कि शाकिब जैसे परिपक्व व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई से नहीं की।'