- साल 1969-70 में न्यूजीलैंड के खिलाफ चेतन चौहान ने किया था टेस्ट डेब्यू
- उतरा चढ़ाव भरा रहा उनका करियर, नहीं जड़ सके कोई टेस्ट शतक
- सुनील गावस्कर के साथ पहले विकेट के लिए जोड़े 3 हजार से ज्यादा रन और की 10 शतकीय साझेदारियां
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का रविवार गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए निधन हो गया वो 72 वर्ष के थे। टीम इंडिया के लिए करियर में 40 टेस्ट मैच खेलने वाले चेतन चौहान लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर के सबसे मजबूत साझेदार थे। दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में पहले विकेट के लिए 10 शतकीय साझेदारी कीं और 3 हजार से ज्यादा रन भी जोड़े। चेतन चौहान ने करियर में 2 हजार से ज्यादा रन बनाए लेकिन एक भी टेस्ट शतक नहीं जड़ सके।
यूनिवर्सिटी लेवल की क्रिकेट खेलने की शुरुआत करते हुए टीम इंडिया का प्रतिनिधत्व करने का चेतन चौहान का रोचक सफर रहा है। उनकी टीम इंडिया में एंट्री की कहानी भी बेहद रोचक है। पुणे विश्वविद्यालय के लिए खेलते हुए उन्होंने 1967 में महाराष्ट्र की रणजी टीम में अपनी जगह बनी ली थी। ऐसे में उन्होंने रणजी ट्रॉफी के दौरान एक ऐसी पारी खेली की उनकी टीम इंडिया में एंट्री हो गई।
मुंबई के खिलाफ जड़ा था शानदार शतक
1968 में मुंबई के खिलाफ अपने दूसरे रणजी सीजन में उन्होंने मुंबई के खिलाफ अपना पहला शतक जड़ा था। इस मैच में वो महाराष्ट्र की टीम के लिए पारी की शुरुआत करने उतरे और टीम के लिए आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज थे। बारिश से प्रभावित इस मैच में एक समय उनकी टीम ने 52 रन के स्कोर पर 6 विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में एक छोर पर डटकर चेतन चौहान ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना शतक पूरा किया। इसके बाद साउथ जोन के खिलाफ दलीप ट्रॉफी के फाइनल में 103 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। साउथ जोन की टीम में पांच टेस्ट गेंदबाज खेल रहे थे और उनके खिलाफ चेतन चौहान ने शानदार शतक जड़कर टीम इंडिया की दरवाजे पर दस्तक दे दी थी।
मुंबई में किया था टेस्ट डेब्यू
22 साल की उम्र में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए 1969-70 में उन्हें टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया। उन्होंने मुंबई में कीवी टीम के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। उन्होंने करियर में कुल 40 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 31.57 की औसत 2084 रन बनाए। वो टेस्ट क्रिकेट इतिहास में बगैर शतक के 2 हजार रन पूरे करने वाले पहले टेस्ट क्रिकेटर बने थे। टेस्ट क्रिकेट में अपनी 16 अर्धशतकीय पारियों के दौरान चौहान ने 7 बार 80 रन से ज्यादा का स्कोर खड़ा किया था। दो बार(93, 97) वो 90 से ज्यादा रन बनाने में सफल हुए लेकिन शतक पूरा नहीं कर सके।