- टी20 विश्व कप में सुपर-12 स्टेज मुकाबले खेल जा रहे हैं
- भारतीय टीम ने अपने शुरुआती दो मुकाबले गंवा दिए हैं
- भारत की बुधवार को अफागनिस्तान के साथ भिड़ंत होगी
टी20 विश्व कप 2021 में भारतीय टीम फिलहाल कठिन दौर से गुजर रही है। भारत ने अपने शुरुआती दो मुकाबले गंवा दिए हैं। टीम इंडिया को पहले मैच में पाकिस्तान ने 10 विकेट से हराया और दूसरे मैच में न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से मात दी। ऐसे में भारत की सेमीफानल में पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है। भारत की दो हार के बाद क्रिकेट विशेषज्ञों की राय लगातार सामने आ रही है। कुछ को लगता है कि खिलाड़ी बायो बबल थकान से जूझ रहे हैं तो कइयों का कहना है कि टीम सेलेक्शन में खामियां हैं। वहीं, इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर का मानना है कि भारतीय टीम अब भी अंतिम चार में पहुंच सकती है, बशर्ते कप्तान विराट कोहली, हेड कोच रवि शास्त्री और मेंटोर एमएस धोनी एकजुट हो जाएं।
'अगर भारत टॉस जीतता तो हालात कुछ और होते'
बता दें कि सुपर-12 राउंड के दोनों मैचों में टॉस कोहली के पक्ष में नहीं रहा, जिससे टीम की रणनीति पर असर पड़ा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पनेसर ने कहा, 'टॉस ने टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यूएई में जो टीम पहले टॉस जीतती है, उसका पलड़ा भारी होता है। अगर भारत टॉस जीत जाता तो हालात कुछ और होते। विराट के पास इस समय बेस्ट प्लेइंग इलेवन नहीं है। उनके आत्मविश्वास में कमी दिख रही है। विराट, रवि और धोनी को बैठकर इसे जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है क्योंकि आगे कुछ आसान मुकाबले खेले जाने हैं। तीनों को अप्रोच, खेल और रणनीति के संदर्भ में चीजों पर काम करने की जरूरत है।'
'कप्तान विराट, रवि और धोनी सेम पेज पर नहीं हैं'
पनेसर ने भारतीय टीम मैनेजमेंट को सेमीफाइनल में पहुंचने का फॉर्मूले देते हुए कहा, 'भारत अब भी क्वालीफाई कर सकता है। टीम हालात को बदल सकती है। लेकिन इसके लिए बहुत कुछ करना होगा और सब कुछ विराट, रवि और धोनी पर निर्भर करेगा। विराट, रवि और धोनी को एक एकराय होना पड़ेगा। मुझे विश्वास है कि अभी तीनों सेम पेज पर नहीं हैं। लोग विराट को एक महान बल्लेबाज और बड़े रन चेजर के रूप में याद करेंगे। लेकिन हमेशा एक कप्तान के रूप में उनकी आलोचना करेंगे क्योंकि जब टीम मुश्किल में थी तब वह कुछ नहीं कर सके। भारत को अपने बचे हुए तीनों मैच (अफागनिस्तान, स्कॉटलैंड, नामीबिया) बड़े अंतर से जीतने होंगे ताकि उनका रन रेट अच्छा हो सके। अब ज्यादा आंकड़ों के बारे में न सोचें। टीम को 200 प्रतिशत प्रदर्शन करने की जरूरत है। साथ ही प्रार्थना करने चाहिए कि दूसरी टीमों के परिणाम भारत की इच्छा के अनुसार हों।'