- भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 के अंतर से जीती थी टेस्ट सीरीज
- सीरीज में जीत के बावजूद दुखी मन से स्वदेश वापस लौटी थी ऑस्ट्रेलियाई टीम
- उसके बाद एक दशक तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने नहीं किया भारत का दौरा
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का रोमांच हमेशा से दर्शकों के बीच रहा है। लेकिन साल 1969 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत दौरा किया था उस सीरीज में भारतीय टीम को 3-1 के अंतर से मात देने के बाद भी ऑस्ट्रेलियाई टीम बेहद दुखी होकर स्वदेश लौटी थी। नवाब पटौदी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने कंगारूओं को घर पर कड़ी चुनौती तो दी थी लेकिन दर्शकों का व्यवहार दुख का कारण बना था। उस सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल तक भारत का दौरा नहीं किया।
गुजरात दंगों के कारण बदला गया वेन्यू
उस सीरीज का पहला मैच 4 से 9 नवंबर के बीच अहमदाबाद में खेला जाना था लेकिन वहां हुए सांप्रदायिक दंगों के कारण मैच को मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया। ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने 40 हजार दर्शकों के सामने टॉस जीतकर खेलने का फैसला किया। टीम इंडिया ने पहली पारी में 271 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 345 रन बनाए। इसके बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 59 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में अजीत वाडेकर ने 46 रन खेलकर पारी को संभाला।
दर्शकों ने स्टेडियम में किया हंगामा
इसके बाद दिन के खेल के आखिरी घंटे में अंपायर शंभू पैन ने वेंकटराघवन को आउट करार दिया। ऐसे में दर्शकों का एक समूह उग्र हो गया और मैदान पर बोतलें फेंकने लगा। स्टेडियम की कुर्सियों को तोड़ दिया और आग लगा दी। ऐसे में स्कोरर्स ने मैच को रोकने का अनुरोध किया क्योंकि धुएं के कारण उन्हें मैदान पर खेल और अंपायर के सिग्नल नहीं दिखाई दे रहे थे। लेकिन अंपायरों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और बाद में स्कोरर को ऑल इंडिया रेडियो के कॉमेंट्रेटर्स बॉक्स में बैठाया गया। जब ये वाकया हुआ उस वक्त स्कोर 8 विकेट पर 120 रन था। इसके बाद दिन का खेल 125/9 रन पर खत्म करने की दोनों कप्तानों के बीच सहमति बनी। इसके बाद अगले दिन भारतीय टीम 12 रन अपने स्कोर में जोड़कर 137 रन पर ढेर हो गई। ऐसे में जीत के लिए मिले लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से हासिल कर लिया।
तीसरे टेस्ट मैच का हुआ था सीधा प्रसारण
इसके बाद कानपुर में खेला गया दूसरा टेस्ट बराबरी पर समाप्त हुआ। फिरोज शाह कोटला में खेला गया तीसरा टेस्ट भारतीय टीम मे जीता था। यह मैच भारत में टीवी में प्रसारित हुआ यह पहला मैच था। दिल्ली में खेले गए इस मैच का दूरदर्शन में प्रसारण हुआ था। इस मैच के प्रसारण के लिए डीडीसीए को प्रतिदिन 2 हजार रुपये प्रसारण फीस के रूप में मिले थे।
कोलकाता में दर्शकों के भिंड़त में मारे गए 6 लोग
इसके बाद कोलकाता में खेला गया चौथा टेस्ट मैच एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम के नाम रहा। बिशन सिंह बेदी ने पहली पारी में 98 रन देकर 7 विकेट हासिल किए थे। लेकिन इस मैच का सबसे दुखद पल तब आया जब मैच के चौथे दिन टिकट काउंटर पर दर्शकों के बीच हुई भिड़ंत में छह लोगों की जान चली गई। भारतीय टीम की दूसरी पारी को देखने के लिए इडेन गार्डन्स पर दर्शकों का हुजूम उमड़ा। दर्शकों के दोनों गुट एक दुसरे की ओर पत्थरबाजी कर रहे थे और ऐसा करते हुए पिच तक पहुंच गए। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान बिल लॉरी पर एक फोटोग्राफर पर बैट से हमला करने का आरोप लगा था जब दर्शक पिच तक पहुंच गए थे। इस घटना से ऑस्ट्रेलियाई टीम बहुत दुखी हुई थी। इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से अपने नाम किया था और सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी।
10 साल ऑस्ट्रेलिया ने नहीं किया भारत दौरा
इसके बाद चेन्नई में खेले गए सीरीज के पांचवें और आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 77 रन से जीत दर्ज की और सीरीज 3-1 के अंतर से अपने नाम की। लेकिन इस सीरीज में के दौरान हुई घटनाओं का दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों पर इतना गहरा असर पड़ा कि एक दशक तक ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा नहीं किया।