- भारत को स्कॉटलैंड के खिलाफ करनी थी शुरुआत, बारिश की वजह से रद्द हो गया वो मैच
- ऐसे में भारतीय टीम ने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ खेला अपना पहला मैच
- पहले मुकाबला होने के बाद बॉल-आउट से हुआ था हार जीत का फैसला, फाइनल में अंतिम ओवर में 13 रन नहीं बना पाए मिस्बाह
नई दिल्ली: कहते हैं कि आग में तपकर सोना और खरा हो जाता है और उसकी चमक हर किसी को आकर्षित करने लगती है। ऐसा ही साल 2007 में पहले टी20 विश्व कप के दौरान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम के साथ भी हुआ था। एक नए कप्तान के साथ मैदान में उतरी भारतीय टीम का पहला मुकाबला स्कॉटलैंड के साथ होने था लेकिन बारिश ने उस मैच पर पानी फेर दिया।
ऐसे में सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और युवा कप्तान के नेतृत्व वाली टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ उतरना पड़ा। पाकिस्तानी टीम को भारत के खिलाफ महा-मुकाबले से पहले स्कॉटलैंड के खिलाफ अपनी तैयारियों को आजमाने का मौका मिला था लेकिन धोनी के धुरंधर ऐसा नहीं कर सके थे।
36 रन पर भारत ने गंवा दिए थे चार विकेट
ऐसे में 14 सितंबर, 2007 को डरबन के किंग्समीड मैदान पर भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने सामने थीं। टीम इंडिया की कमान एमएस धोनी के और पाकिस्तान की शोएब मलिक के हाथों में थी। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही। मोहम्मद आसिफ ने कहर परबाते हुए गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की सलामी जोड़ी को महज 9 रन के स्कोर पर पवेलियन वापस भेज दिया। 19 के स्कोर पर युवराज सिंह आसिफ का तीसरा शिकार बन गए इसके बाद दिनेश कार्तिक भी आसिफ की गेंद पर बोल्ड होकर चलते बने। और भारतीय टीम मुश्किल में नजर आने लगी।
उथप्पा ने खेली दबाव में अर्धशतकीय पारी
ऐसे में युवा बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने एक छोर संभाला और कप्तान एमएस धोनी के साथ मिलकर 50 रन के पार पहुंचाया। उथप्पा ने तेजी से बल्लेबाजी करते हुए 38 गेंद में चार चौके और 2 छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन अगली ही गेंद पर सोहेल तनवीर ने उन्हें आउट करके भारत को पांचवां झटका दे दिया। उथप्पा ने 39 गेंद में 50 रन बनाए और इस पारी के दौरान 4 चौके और 2 छक्के जड़े।
टीम इंडिया ने बनाए 9 विकेट पर 141 रन
उथप्पा के आउट होने के बाद धोनी को दूसरे छोर पर इरफान पठान का साथ मिला। दोनों ने मिलकर टीम को 15.4 ओवर में 100 रने के पार पहुंचा दिया। लेकिन 111 के स्कोर पर इकफान पठान को शाहिद अफरीदी ने बोल्ड कर दिया। इसके बाद अफरीदी ने हरभजन सिंह को भी बोल्ड करके भारतीय टीम को सस्ते में समेटने की कोशिश की लेकिन अजीत आगरकर ने 9 और में 14 गेंद की पारी खेली धोनी के साथ मिलकर टीम इंडिया को 20 ओवर में 141 रन के स्कोर तक पहुंचाया। धोनी 20वें ओवर की पहली गेंद पर 33 रन बनाकर यासिर अराफात की गेंद पर यूनिस खान के हाथों लपके गए।
पाकिस्तान की खराब रही शुरुआत
जीत के लिए 142 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तानी टीम की शुरुआत भी खराब रही। इमरान नजीर को आरपी सिंह ने दूसरे ही ओवर में चलता कर दिया लेकिन इसके बाद कामरान अकमल और सलमान बट ने पारी को संभाला लेकिन 44 के स्कोर पर आगरकर ने सलमान बट को धोनी के हाथों कैच करा दिया और इसके बाद अकमल को युवराज ने सटीक थ्रो पर रन आउट कर दिया। यूनिस खान भी 2 रन बनाकर इरफान पठान की गेंद पर बोल्ड हो गए। ऐसे में पाकिस्तान का स्कोर 4 विकेट पर 47 रन हो गया।
पाकिस्तान के बैकफुट में आने के बाद कप्तान शोएब मलिक और मिस्बाह उल हक ने पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन 87 के स्कोर पर शोएब मलिक को इरफान पठान ने चलता कर दिया। इसके बाद शाहिद अफरीदी भी 7 रन की पारी खेलकर हरभजन की गेंद पर कार्तिक के हाथों लपके गए। अंत में पाकिस्तान को जीत दिलाने की जिम्मेदारी मिस्बाह उल हक के कंधों पर आ गई।
आखिरी ओवर में मिस्बाह नहीं बना सके 12 रन
पारी के आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 6 गेंद में 12 रन बनाने थे। श्रीसंत के पहली गेंद पर यासिर अराफात ने स्ट्राइक पर मिस्बाह को भेज दिया। इसके बाद तीन गेंद पर मिस्बाह ने 10 रन जड़ दिए। ऐसे में स्कोर बराबर हो गया। जीत के लिए अंतिम 2 गेंद पर 1 रन पाकिस्तान को बनाने थे लेकिन पांचवीं गेंद खाली गई और आखिरी गेंद पर रन लेने की कोशिश में मिस्बाह रन आउट हो गए और मुकाबला टाई हो गया।
बॉल-आउट में भारत ने दी 3-0 से पटखनी
टी20 क्रिकेट उन दिनों नया कॉन्सेपट था। ऐसे में सुपर ओवर की जगह बॉल आउट मैच के निर्णय के लिए होता था। ऐसे में दोनों टीमों को बॉलिंग करते हुए स्टंप गिराने के तीन मौके मिले। पहले राउंड ने सहवाग ने गेंद स्टंप्स पर डालकर भारत को एक अंक दिला दिया वहीं यासिर अराफात पाकिस्तान के लिए ऐसा नहीं कर सके।
इसके बाद गेंद फेंकने आए हरभजन सिंह ने तो गिल्लियां बिखरे दीं लेकिन उमर गुल पाकिस्तान के लिए ऐसा नहीं कर सके। भारत के लिए तीसरे राउंड में गेंद डालने रॉबिन उथप्पा आए और गिल्लियां बिखरने के बाद दर्शकों के सजदे में अपनी कैप उतार कर झुक गए। लेकिन पाकिस्तान के धाकड़ स्पिनर शाहिद अफरीदी ऐसा नहीं कर सके और भारत ने 3-0 के अंतर से मुकाबला अपने नाम कर लिया।
आखिरी ओवर में 13 रन नहीं बना पाया पाकिस्तान
इसके बाद भारतीय टीम की भिड़ंत खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान से हुई। एक बार फिर इस मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए गौतम गंभीर (75) और रोहित शर्मा(30) की आतिशी पारियों की बदौलत 5 ओवर में 157 रन का स्कोर खड़ा किया। ऐसे में पाकिस्तानी टीम ने 158 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 19 ओवर में 9 विकेट खोकर 145 रन बना लिए थे।
धोनी ने चली आखिरी ओवर में चाल
आखिरी ओवर में जीत के लिए उसे 6 गेंद में 13 रन बनाने थे। ऐसे में धोनी ने दांव खेलते हुए धीमी गति के गेंदबाज जोगिंदर शर्मा के हाथों में गेंद थमा दी। मिस्बाह ने 2 गेंद में 7 रन भी जोड़ लिए थे लेकिन तीसरी गेंद को स्कवैर लेग के ऊपर से बाउंड्री पर कराने की कोशिश में स्कूप शॉट खेला और एस श्रीसंत के हाथों लपके गए और पांच रन के करीबी अंतर से पाकिस्तान को मात देकर भारतीय टीम धोनी की कप्तानी में पहले टी20 विश्व कप की चैंपियन बन गई।
यादगार रहा भारत का विश्व विजय अभियान
पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार अंदाज में टी20 विश्व कप का आगाज और अंत करके भारतीय टीम ने जो छाप प्रशंसकों के बीच छोड़ी थी वो अमिट है। 14 साल से भारतीय टीम दूसरी बार खिताब जीतने की कोशिश करती रही है लेकिन उसके हाथ खाली रहे हैं। ऐसे में भारतीय प्रशंसकों को भरोसा है कि विराट टीम इंडिया की टी20 टीम की कमान विश्व विजय के साथ छोड़ेंगे।