- भारत और बांग्लादेश के बीच 14 नवंबर से सीरीज का पहला टेस्ट शुरू होगा
- इंदौर और कोलकाता टेस्ट में केवल तीन दिन का अंतर रहेगा
इंदौर: भारतीय टीम अपना ऐतिहासिक डे-नाईट टेस्ट कोलकाता में 22 नवंबर से बांग्लादेश के खिलाफ खेलेगी। यह सीरीज का दूसरा व अंतिम टेस्ट होगा। विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया डे-नाईट टेस्ट की तैयारियों में कोई कमी नहीं रखना चाहती है और इसलिए वह इंदौर में 14 नवंबर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट के पूर्व ही गुलाबी गेंद से अभ्यास करना चाहती है। बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट गुरुवार से इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाएगा। भारतीय टीम ने इंदौर में फ्लड लाइट्स के नीचे अभ्यास करने की गुजारिश की है ताकि दिन-रात्रि टेस्ट की बेहतर तैयारी कर सके।
भारतीय टीम ने डे-नाईट टेस्ट को ध्यान रखते हुए इंदौर में विशेष अभ्यास सत्र की मांग की है। टीम इंडिया मंगलवार को शाम 5 बजे से फ्लड लाइट्स में होल्कर स्टेडियम में अभ्यास करेगी। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के प्रमुख पिच क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान ने एक वेबसाइट को बताया, 'भारतीय टीम मंगलवार को काली साइट-स्क्रीन के खिलाफ गुलाबी गेंद से शाम 5 से 6 बजे तक अभ्यास करेगी। हमसे इस अभ्यास सत्र की मांग की गई और हमने उसी मुताबिक तैयारी करके दी है।'
इससे पहले खुलासा हुआ था कि एसजी ने पिछले सप्ताह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को गुलाबी गेंद का पहला बैच भेजा है। यह टेस्ट मैच दोनों ही (भारत और बांग्लादेश) के लिए पहला डे-नाईट टेस्ट होगा। इसी के साथ पहली बार एसजी गुलाबी गेंद का आधिकारिक रूप से टेस्ट में उपयोग होगा। पता हो कि अब तक कुल 11 डे-नाईट टेस्ट खेले गए हैं, जिसमें कूकाबूरा या फिर ड्यूक गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल किया गया। भारत में 2016-18 सीजन के दिलीप ट्रॉफी के दौरान गुलाबी गेंदों का प्रयोग हुआ था, जिसका उत्पादन कूकाबूरा ने किया था।
बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाईट टेस्ट में एसजी गुलाबी गेंद का इस्तेमाल करने का प्रमुख कारण बताया गया कि एक ही सीरीज के लिए दो अलग गेंदों के इस्तेमाल से बचा जाए। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था, 'ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि एक ही गेंद से सीरीज खेली जाए। मगर एक ही सीरीज में दो अलग गेंदों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।' गुलाबी गेंदों की जल्दी डिलीवरी के पीछे की असली वजह यह है कि भारत और बांग्लादेश दोनों टीमों के खिलाड़ियों को डे-नाईट टेस्ट की तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए।
इंदौर में होने वाले पहले टेस्ट के बाद दोनों टीमों के पास डे-नाईट टेस्ट शुरू होने के बीच केवल तीन दिन का अंतर रहेगा। यही वजह है कि पहले टेस्ट से पूर्व ही टीमें विशेष प्रैक्टिस सेशन में हिस्सा लेकर कोलकाता टेस्ट की जोरदार तैयारी करना चाहती हैं।