- कोविड-19 मामले सामने आने के कारण पीएसएल-6 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया
- पीएसएल को इस सीजन में जिस तरह आयोजित कराया गया, उससे पीसीबी की कड़ी आलोचना हुई
- इंजमाम ने आरोप लगाया कि पीएसएल में बायो-सिक्योर प्रोटोकॉल लगभग अनुपस्थित थे
कराची: कोरोना वायरस महामारी के बीच जिस तरह पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) सीजन-6 को संभाला गया, उससे पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक खासा नाराज हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने जब से शेष सीजन को स्थगित करने का फैसला सुनाया, तब से वह काफी आलोचना झेल रहा है और इंजमाम ने भी अपने देश के बोर्ड को लताड़ लगाई है। महान पाकिस्तानी बल्लेबाज ने टी20 लीग में लगाए खराब बायो-सिक्योर बबल प्रोटोकॉल को लेकर पीसीबी पर निशाना साधा है।
इंजमाम उल हक के मुताबिक कई खिलाड़ी बबल के बाहर बेफिक्र होकर घूमे जबकि बाहरी लोग भी अंदर आए, ऐसा लगा ही नहीं कि कोई प्रोटोकॉल लागू भी किया गया है। इंजमाम ने सवाल किया, 'कुछ खिलाड़ी बबल के बाहर बिंदास घूमे तो कई बाहरी लोग अंदर आए और बबल के बाहर चले गए। असल में ये बबल था क्या?' इंजमाम उल हक का मानना है कि पीएसएल का हिस्सा रहे विदेशी खिलाड़ी अपने घरेलू बोर्ड को पीसीबी के प्रोटोकॉल के बारे में खराब प्रतिक्रिया देंगे। अगर ऐसी स्थिति उभरती है तो अन्य देशों के बोर्ड शायद पाकिस्तान में अपने खिलाड़ियों को भेजने से परहेज करेंगे।
इंजमाम उल हक ने आगे कहा, 'खिलाड़ी कह सकते हैं कि पाकिस्तान में इंतजाम सही नहीं थे। पिछली बार भी ऐसा हुआ था। इससे भविष्य में दिक्कत आ सकती है। अन्य टीमों को चिंता हो सकती है। हम वैसे ही सुन चुके हैं कि कुछ खिलाड़ियों ने अपने टिकट वापस कर दिए हैं। उन्होंने देश या फिर बोर्ड का हवाला दिया, जिससे उन्हें चेतावनी मिली। पाकिस्तान में क्रिकेट के दरवाजे खुले थे। अब आगे चलकर क्या अन्य देश अपने खिलाड़ी पाकिस्तान में भेजेंगे?'
क्यों रद्द हुआ पीएसएल-6
बता दें कि पाकिस्तान सुपर लीग में कोविड-19 के सात मामले सामने आए थे, जिसके बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया। इंजमाम ने बोर्ड से गुजारिश की है कि गुनहगारों को कड़ी सजा दी जाए क्योंकि इन गलतियों का गहरा असर हो सकता है। पूर्व पाक कप्तान ने कहा, 'यह विचार करने का समय है। सिर्फ इसलिए कि हमें प्रायोजकों को संतुष्ट करने के लिए इस टूर्नामेंट को आयोजित करने की आवश्यकता थी, हमारी गलतियों ने हमें इतने बड़े पैमाने पर खर्च किया है।'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर हम मामले को गंभीरता से नहीं लेते हैं और ऐसे ही छोड़ देते हैं तो भविष्य में काफी मुसीबत बढ़ेगी। उन्हें दोषियों को चिन्हित करना चाहिए और उन्हें पूरी चीज से दूर करना चाहिए। उन्हें दिखाने की जरूरत है कि देश के बाहरी लोगों को दिखाने के लिए वह इस तरह के एक्शन ले सकते हैं। एक और बात यह है कि यह एक मिसाल कायम करेगा। लोग भविष्य में ऐसी गलतियां करने से डरेंगे। यह हमारे देश के लिए भविष्य में चिंताएं पैदा कर सकती हैं।'