- इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021
- आईपीएल का दूसरा चरण यएई में होगा
- लीग का पहला चरण भारत में खेला गया
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 का आगाज अप्रैल में भारत में हुआ था। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण चार मई को टूर्नामेंट स्थगित कर दिया गया। अब लीग का दूसरा चरण 19 सितंबर से खेला जाना है, जिसका आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होगा। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले बीसीसीआई ने हेल्थ और सेफ्टी प्रोटोकॉल जारिए किए हैं ताकि बायो-बबल ना टूट सके। खिलाड़ियों और स्टाफ को नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। बता दें कि पहले चरण में कड़े बायो-बबल के बावजूद कई खिलाड़ी और स्टाफ के सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे।
खिलाड़ी के संक्रमित निकलने पर क्या होगा?
अगर सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद भी कोई खिलाड़ी या सपोर्ट स्टाफ का सदस्य कोरोना का शिकार हो जाता है तो क्या होगा? बीसीसीआई की गाइडलाइन के अनुसार, आईपीएल के दौरान खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें कम से कम दस दिन तक आइसोलेट रहना होगा। इसके बाद नौवें और दसवें दिन दो टेस्ट होंगे। वहीं, बायो-बबल में फिर से एंट्री करने के लिए 24 घंटे में आरटी-पीसीआर टेस्ट की दो रिपोर्ट का निगेटिव आना जरूरी है। साथ ही संक्रमित शख्स में किसी तरह के लक्षण नहीं होना चाहिए और दवाइयां बंद हुए भी 24 घंट से अधिक वक्त हो जाना चाहिए।
फाल्स पॉजिटिव आने पर रिपीट टेस्ट होगा
इसके अलावा फाल्स पॉजिटिव टेस्ट आने पर फिर से परीक्षण किया जाएगा। अगर पुराने संक्रमण के चलते खिलाड़ी या स्टाफ का सदस्य का फाल्स पॉजिटिव पाया गया तो सिरोलॉजी के साथ-साथ दोबारा आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा। बता दें कि बीसीसीआई दूसरे चरण में हर मुमकिन कोशिश कर रहा है कि कोई कोरोना पॉजिटिव केस सामने ना आए। इसीलिए, इस बार कुल 14 बायो सिक्योर बबल बनाना का फैसला किया गया है। 8 बबल टीमों के लिए, 3 मैच अधिकारियों के लिए और बाकी तीन ब्रॉडकास्टरों और कमेंटेटर्स के लिए होंगे। लीगा का फाइनल 15 अक्टूबर को दुबई में खेला जाएगा।