- इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज, पहला टेस्ट, साउथम्पटन
- इ्ंग्लैंड क्रिकेट टीम में स्टुअर्ट ब्रॉड की जगह जोफ्रा आर्चर को दी गई प्राथमिकता
- आर्चर को खुद भरोसा नहीं हो रहा कि टीम प्रबंधन ने ये फैसला लिया
साउथम्पटन: महामारी की वजह से क्रिकेट लंबे समय तक थमा रहा, लेकिन बुधवार को आखिरकार कोविड-19 के बीच नए नियमों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का फिर से आगाज हो गया। मेजबान इंग्लैंड के सामने वेस्टइंडीज की टीम थी और साउथम्पटन में टेस्ट मैच का आगाज हुआ। लेकिन मैच शुरू होने से पहले जब इंग्लिश टीम का ऐलान हुआ तो सब दंग रह गए। इंग्लैंड की टीम के स्टार तेज गेंदबाज और टेस्ट टीम के नियमित सदस्य स्टुअर्ट ब्रॉड को टीम से बाहर कर दिया गया था और उनकी जगह युवा पेसर जोफ्रा आर्चर को जगह दे दी गई। ये फैसला इतना बड़ा है कि खुद जोफ्रा आर्चर भी सन्न हैं।
जोफ्रा आर्चर ने कहा है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट की अंतिम एकादश में अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की जगह चुने जाने से वो अब भी असमंजस में है और उम्मीद जताई कि वो वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रहे शुरूआती टेस्ट के दौरान अपनी काबिलियत साबित कर सकेंगे। इंग्लैंड ने बुधवार को ब्रॉड को शुरूआती टेस्ट के लिये नहीं चुना जिन्होंने 485 विकेट चटकाये हैं जबकि जेम्स एंडरसन, मार्क वुड और आर्चर को कार्यवाहक कप्तान बेन स्टोक्स और स्पिनर डॉम बेस के साथ टेस्ट टीम में शामिल किया गया।
'मैं अब भी नहीं जानता, उलझन में हूं'
पिछले साल एशेज सीरीज से अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले जोफ्रा आर्चर ने इस टीम चयन के बारे में कहा, ‘मैं अब भी नहीं जानता कि मुझे ब्रॉड की जगह मंजूरी कैसे मिली, मैं आज तक इसे लेकर उलझन में हूं। मैं खुश हूं कि ये मौका दिया गया और उम्मीद करता हूं कि मुझे ये दिखाने का मौका मिलेगा कि मुझे क्यों चुना गया था।’
नस्लभेद पर बोले आर्चर, इंग्लिश टीम के एकमात्र अश्वेत खिलाड़ी हैं
जब बुधवार को टेस्ट मैच शुरू हुआ तो उससे पहले इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के साथ मिलकर एक घुटना जमीन के बल टिकाकर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान में उनका समर्थन किया, दोनों टीमों की टीशर्ट पर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ का लोगो भी था। ये नस्लभेद के खिलाफ क्रिकेट जगत के विरोध के रूप में देखा जा रहा है। जोफ्रा आर्चर इंग्लैंड की मौजूदा टेस्ट टीम में एकमात्र अश्वेत खिलाड़ी हैं, उन्होंने अपने साथियों के समर्थन की प्रशंसा की। उन्होंने स्काई स्पोर्ट्स के ‘न्यू जोन’ में कहा, ‘समर्थन मिलना शानदार था। ये वर्ष अश्वेत समुदाय के ही नहीं बल्कि सभी के लिये आंखे खोलने वाला रहा है।’
वेस्टइंडीज में जन्मे हैं आर्चर, 'एक साल बेमिसाल'
गौरतलब है कि जोफ्रा आर्चर के लिए पिछला तकरीबन एक साल काफी बड़ा रहा है। उनका जन्म वेस्टइंडीज में हुआ, उन्होंने वहां पर जूनियर क्रिकेट भी खेला लेकिन कुछ सालों बाद वो इंग्लैंड शिफ्ट हो गए थे। उनके परिवार का नाता इंग्लैंड से भी रहा है इसलिए उनको विश्व कप 2019 से ठीक पहले इंग्लैंड का नागरिक बनने का गौरव हासिल हुआ और वो विश्व कप में इंग्लिश टीम के लिए खेलने उतर सके। उन्होंने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, वो विश्व कप में इंग्लैंड की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले क्रिकेटर बने जबकि पूरे टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वालों में तीसरे स्थान पर रहे। आर्चर ने विश्व कप 2019 के 11 मैचों में 20 विकेट झटके।