- दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट क्यों है बर्बादी की कगार पर?
- पूर्व दिग्गज खिलाड़ी व किंग्स इलेवन पंजाब के फील्डिंग कोच जोंटी रोड्स ने किए खुलासे
- रोड्स ने बताया क्यों दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट की हो रही है ऐसी हालत
नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। आए दिन वहां के खिलाड़ी आवाज उठा रहे हैं और कुछ दिन पहले तो राष्ट्रीय टीम के कई पुरुष व महिला क्रिकेटर्स ने हस्ताक्षर करके क्रिकेट को बचाने की अपील कर डाली थी। अब दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी व इस समय आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के फील्डिंग कोच जोंटी रोड्स ने भी हल्ला बोला है और गंभीर सवाल उठाए हैं।
पूर्व दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज जोंटी रोड्स का मानना है कि दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में लंबे समय से चला आ रहा प्रशासनिक संकट राष्ट्रीय टीम के उतार चढ़ाव वाले प्रदर्शन के लिये जिम्मेदार है और वह मानते हैं कि ‘नस्ली असमानता’ अब भी देश के तंत्र का हिस्सा है। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) को वित्तीय परेशानियों के साथ अपने खिलाड़ियों से नस्ली भेदभाव के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रीम स्मिथ से उम्मीदें
अध्यक्ष क्रिस नेनजानी ने पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया। वह सात साल तक इस पद पर रहे जिस दौरान भ्रष्टाचार के कई आरोप लगते रहे। अब ऐसे समय में दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल कप्तान ग्रीम स्मिथ के रूप में उम्मीद की किरण नजर आ रही है जो इस समय सीएसए के क्रिकेट निदेशक हैं।
रोड्स ने पीटीआई से 2014 अभियान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ग्रीम स्मिथ की पिछले कुछ समय से काफी आलोचना हो रही है लेकिन वह टीम का कप्तान था जिसने पहला ‘टीम संस्कृति शिविर’ कराया और वह ‘प्रोटिया फायर’ के विचार के साथ आये।’’
इस अभियान में विनम्रता, लचीलापन, अनुकूलनशीलता, एकता और सम्मान के अलावा देश के दूत बनने पर ध्यान लगाया गया था। दक्षिण अफ्रीका के 30 पूर्व खिलाड़ियों ने नस्ली भेदभाव के आरोप लगाये हैं जिसमें एशवेल प्रिंस और मखाया एनटिनी शामिल हैं जिसके बाद पिछले महीने 32 खिलाड़ियों की राष्ट्रीय टीम का ‘संस्कृति शिविर’ लगाया गया।
अराजकता का असर मैदान पर
किंग्स इलेवन पंजाब के क्षेत्ररक्षण कोच रोड्स ने कहा, ‘‘मेरे लिये दुखद बात यह है कि शीर्ष 30 खिलाड़ी खेल के लिये एक साथ काम करना चाहते हैं लेकिन प्रशासनिक तंत्र में इतनी अराजकता है कि इसका असर मैदान पर पड़ता है।’’