- एबी डिविलियर्स पर नस्लभेद करने के आरोप लग रहे हैं
- हाल ही में डिविलियर्स पर रबाडा को लेकर आरोप लगा
- अब द.अफ्रीका के एक बल्लेबाज ने दर्द बयां किया है
दक्षिण अफ्रीके के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज एबी डिविलियर्स सबसे बेहतरीन क्रिकेटरों से एक हैं। उन्होंने अपने बल्ले से खुद को अनेक बार साबित किया है और कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए हैं। उनका अभी भी दुनिया भर के टी 20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट में दबदबा कायम है। डिविलिर्स न केवल मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर भी एक शोस्टॉपर रहे हैं। उनके फैंस की बड़ी संख्या में हैं। डिविलियर्स पिछले कुछ दिनों से चर्चा में बने हुए हैं, जिसकी वजह बिलकुल अच्छी नहीं।
हाल ही में पूर्व प्रोटियाज चयनकर्ता हुसैन मनैक ने डिविलियर्स पर नस्लभेद के आधार पर फैसले लेने का आरोप लगाया है। मनैक ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) की सामाजिक न्याय और राष्ट्र-निर्माण (एसजेएन) की सुनाई में कहा कि डिविलियर्स ने कगिसो रबाडा के करियर की शुरूआत में उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर करने की कोशिश की थी। वहीं, अब दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज खाया जोंडो ने भी डिविलियर्स पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डिविलियर्स बचपन के हीरो थे लेकिन अब वह उनकी इज्जत नहीं करते।
जोंडो ने सामाजिक न्याय और राष्ट्र निर्माण की सुनवाई के दौरान कहा कि अक्टूबर 2015 में भारत दौरे पर पांचवें वनडे के लिए उनके सेलेक्शन को डिविलियर्स ने प्रभावित किया था। बता दें कि जोंडो को सीरीज के 2-2 से बराबरी के बाद निर्णायक मैच से बाहर कर दिया गया था। उस समय डीन एल्गर टेस्ट टीम का हिस्सा बनने के लिए भारत दौरे पर गए थे मगर उन्होंने लगातार सीरीज खेली। प्रबंधन के एल्गर को चुनने पर काले खिलाड़ियों के एक समूह ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को एक पत्र लिखा था।
जोंडो ने कहा, 'कप्तान (डिविलियर्स) ने मुझे टीम के बाकी लोगों से दूर बुलाया और कहा कि मुझे नहीं खेलना चाहिए। वह खुद को समझाने की कोशिश कर रहे थे और निर्णय की पूरी जिम्मेदारी ले रहे थे। मुझे याद है कि जब उन्होंने मुझे टीम से बाहर करने पर समझाने की कोशिश की तो एक कप्तान के रूप में उन्होंने सारा सम्मान खो दिया। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि जिसे मैं अपना क्रिकेटिंग हीरो माना था, वो खुद को ऐसे सही ठहराने का प्रयास कर था। उनका कहना था कि मुझे यह स्वीकार करना चाहिए क्योंकि निर्णय उन्हीं की ओर से आया है।
जोंडो ने आगे कहा, 'मैं उसके बाद पूरे दिन के लिए मानसिक रूप से स्विच ऑफ हो गया। मैंने खुद को टीम से अलग कर लिया, क्योंकि यह स्पष्ट था कि वह मुझे टीम में चाहते थे।। दूरी बनाने की वजह से मुझे बाकी चीजों से निपटने में मदद मिली।' गौरतलब है कि दाएं हाथ के बल्लेबाज जोंडो ने सिर्फ 5 वनडे मैचों में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया और 142 रन बनाए।